बक्सर खबर। सिंचाई के समय पर नहर में पानी नहीं आता। लेकिन, कागजी घोड़े दौड़ाने वाले अधिकारियों ने इस बार किसानों की कमर तोड़ने का पूरा इंतजाम कर दिया है। अभी खेत में गेहूं की बुआई हो रही है। वजह पहले हुई बारिश के कारण खेत गिले थे। इसी बीच नहर में इतना पानी आ गया है। जितना खरीफ की मौसम में देखने को नहीं मिलता। दोनों तट लबालब पानी से एक हुए जा रहे हैं। खेतों की तरफ जाने वाले राजबाहे तांडव मचा रहे हैं।
जहां सिंचाई की जरुरत नहीं। वहां भी पानी भर गया है। जिनके बीज जमें नहीं। उन खेतों तक भी पानी पहुंच गया है। ऐसे किसान सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन वालों को समोसे खिलाने के बुला रहे हैं। तांकि उनकी आंख की रौशनी बढ़ाई जा सके। क्योंकि शहर में रहने वालों को दूर गांव का नजारा बैठे-बैठे नजर आता है। इस सिलसिले में जब चौसा कैनाल के अधिकारियों से पूछा गया। उनका जवाब था। नुकसान की सूचना तो नहीं है। हां पानी की अभी उतनी जरुरत नहीं है। तो फिर इतना पानी कहां से आ रहा है? यह पूछने वे खामोश हो जा रहे हैं।
जब आरक्षण का लाभ उठा कर जिला में ऐसे ही पदाधिकारी IAS बनेंगे तो यही हाल होना है