बक्सर खबर(माउथ मीडिया)। बतकुच्चन गुरु से मिलने का मन हुआ तो मैं उनके ठिकाने की तरफ चल पड़ा। कुछ दूर आगे बढ़ा ही था। तभी वे एक जगह नजर आ गए। जलसा लगाए बैठे थे। लंबी-लंबी दिए जा रहे थे। मैने उनको छेड़ा नहीं। किनारे खड़े होकर बाते सुनने लगा। आखिर चल क्या रहा है। वे बोले जा रहे थे। मीडिया वाले मउगा हो गये हैन । इतनी सी बात सुनने के बाद मेरा रक्तचाप बढ़ गया। हाथ धोके मीडिया वालों पर पड़े रहते हैं। लेकिन, मैंने अपने आप को शांत किया। सुना जाए आखिर यह आरोप क्यूं लग रहा है।
वे बोले जा रहे थे। इहां हाल फिलहाल दो मनई भ्रष्टाचार में घेरा गया। एगो बकलोल के निगरानी ले गई। दूसरे के वीडियो बनावे वाला छोरा घेर लिहीन। लेकिन, हम पूछत हैन । इहां मीडिया वाला का करत हौव । कवनो नेता के स्टिंग काहे नहीं करत हौव। चुनाव में मोटा-मोटा बंडल लेवे है जउन सब। इ मौसम आ गवा है। खुबे लेनदेन हो रहल हौ। लेकिन, उ सबके केहु से डर भी ना हौ। मंच पर खड़ा हो ते ही साधु माफिक भाषण देवे है। भ्रष्टाचार के खिलाफ लडऩा है, विकास चाहिए, रोजगार चाहिए। अइसा-अइसा बात बोलत हौव, इ सब कौनो साधु है । हम्मर त दिमाग बउरा जावे है। हमके इ नहीं बुझाता है।
राजनीति करे वालन के पीछे सब के सब बेरोजगारे घूमे है। लेकिन, बात करे है रोजगार के। हम विकास के इरादे से आए हैं। नया इतिहास बनाने आए हैं। अरे इ जनता के बोका समझत हौ । रोजगार तोहरे बोतल में बंद हौ का। जवन के ढक्कन खोल के सबके बाँट दोगे। अरे मटरू जीते चाहे बछरू ओसे कवनो फरक पड़े वाला ना है। ले दे के अइसन इदमी का चुनाव करे चाही। जौन मीला ईमानदार हौ । जौन टिकट बेच रहा है। उ सरकार बनावे के बाद विकास करेगा का ? जौन मिला वोट खरीद रहा है। उ तोहरे आगे हाथ जोड़ेगा का ? बतचुच्चन गुरु की आज के बातो में बहुत प्रश्न था। बाते सुन मैंने राहत की सांस ली। चलो लोगों को अच्छी बात बता रहे हैं। उनकी यह सादगी अच्छी लगी और मैं अपने कार्यालय की तरफ रुख किया।
बात त ठीक कहत रहन। पर सहन हो गएल?
सबके कुछउ कुछउ चाही केहु के पर + तिष्ठा, केहू के रू.,
केहू के बहुत कुछ ओहि मे लोग नेता के नेता बना देलन केहू साधु संत बना देलन केहू केहू त राज्य के राजा तक बनावेलं