बक्सर खबर। आषाढ़ माह की पूर्णिमा को गुरू पूर्णिमा कहते हैं। यह तिथि 16 जुलाई को मनाई जाएगी। इस तिथि की रात में चन्द्रग्रहण लग रहा है। वैसे इसवी सन के अनुसार समय 17 की रात को शुरू होगा। ज्योतिषाचार्य पंडित नरोत्तम द्विवेदी बताते हैं कि आषाढ़शुक्ल पूर्णिमा मंगलवार दिनांक-16-07-19 अर्धरात्रि के पश्चात यानि दिनांक-17-07-19 को रात्रि 01 बजकर 31से 04 बजकर 30 मिनट तक खण्डग्रास चन्द्रग्रहण लगेगा।
जो पूरे भारत के अतिरिक्त दक्षिण अमेरिका, सम्पूर्ण यूरोप, न्यूजीलैंड के कुछ भाग, आस्ट्रेलिया के पूर्वीभाग, दक्षिण और उत्तरी कोरिया, चीन के उत्तरपूर्वी भाग एवं रुस के कुछ भागों से तथा आस्ट्रेलिया प्रशान्तमहासागर, हिन्दमहासागर और अन्टार्कटिका से देखा जा सकेगा। ग्रहण का स्पर्श उत्तराषाढ़ नक्षत्र के प्रथम चरण धनु राशि में होगा। तथा मोक्ष उत्तराषाढ़ द्वितीय चरण मकर राशि में होगा। अतः इस नक्षत्र राशि मे जन्म लेने वालों को सावधानी रखनी चाहिए। ग्रहण काल से पहले आठ घंटे पूर्व सुतक प्रारंभ हो जाएगा। अर्थात 5: 31 पूर्व मंदिर के पट एवं दर्शन, पूजन, भोजन आदि कर लेना चाहिए।
राशि पर प्रभाव और ग्रहण का समय
ग्रहण स्पर्श-01:31रात्रि
ग्रहण मध्य-03:01रात्रि
ग्रहण मोक्ष-04:30शेषरात्रि
कुल ग्रहण अवधि 2घंटा 59 मिनट का होगा।
ग्रहण का ग्रासमान=0.658
राशि के अनुसार ग्रहण का फल-
मेष-अपमान भय,सम्मान हानि।
वृष-अरिष्ट भय,मृत्यु तुल्य कष्ट।
मिथुन-स्त्रीकष्ट भय।
कर्क-सुख वृद्धि,धनागम।
सिंह-चिन्ता,व्याकुलता।
कन्या-व्यथा,कार्यहानि।
तुला-लक्ष्मी कृपा,समृद्धि।
वृश्चिक-क्षति,हानि भय।
धनु-घात भय,शत्रु पीड़ा भय।
मकर-धनहानि भय।
कुंभ-धनलाभ वृद्धि।
मीन-सुख वृद्धि।