बक्सर खबर। राजपुर प्रखंड का सखुआना गांव। यह तियरा पंचायत के अंतर्गत आता है। यहां आज भी कच्ची सड़क है। बारिश हुई तो फिर चारो तरफ कीचड़। बच्चे हों या बड़े, सबको परेशान झेलनी है। इस गांव के युवा नेता चंदन यादव कहते हैं। हमने सांसद और विधायक सबसे कहा। लेकिन हमारे गांव की सड़क नहीं बनी। हमारी बात कोई नहीं सुनता। मुखिया भी मामले की अनदेखी कर रहा है।
उनकी बातें कितनी सच और उनका प्रयास कितना सार्थक है। यह तो चंदन जाने लेकिन, अगर आज भी गांवों की दशा ऐसी है। तो यह विकास का दावा करने वालों के मुंह पर तमाचा है। चंदन के अनुसार अकोढ़ी गांव को जाने वाली सड़क से यह रास्ता जुड़ा है। जिसकी लंबाई लगभग दो किलोमीटर है। न आज तक ईट सोलिंग हुई न प्रधानमंत्री अथवा मुख्यमंत्री सड़क योजना में ही इसका चयन हुआ। कुछ मर्तबा नापी जरुर हुई पर स्थिति जस की तस है। इसकी वजह क्या है? सखुआना की स्थिति एक बार फिर बदतर हो जाएगी। क्योंकि मानसून जो आने वाला है। आखिर इस गांव की समस्या का समाधान कौन करेगा। यह सवाल राजनीति से भी है और प्रशासनिक अमले से भी?