भार्गव ऋषि के आश्रम पहुंचा पंचकोशी का तीसरा पड़ाव

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-कभी लक्ष्मण जी ने तीर मार बनाया था तालाब, प्रसाद में मिलता है चुड़ा-दही
बक्सर खबर। पंचकोशी मेले में तीसरा पड़ाव रहा भभुअर गांव। जहां कभी भार्गव मुनी का आश्रम हुआ करता था। ऐसी कथा है कि जब महर्षी विश्वामित्र के साथ भगवान श्रीराम व लक्ष्मण यहां आए। तो भार्गव मुनी ने बताया यहां पानी समस्या है। तब श्रीराम के कहने पर लक्ष्मण जी ने तीर मारकर वहां जल धारा प्रवाहित कर दी। आज भी वहां एक तालाब है। जहां श्रद्धालु स्नान करते हैं।

मेले में चुड़ा दही का प्रसाद लेते श्रद्धालु

मान्यता के अनुरुप यहां आने वाले श्रद्धालु चुड़ा-दही प्रसाद के रुप में ग्रहण करते हैं। क्योंकि कभी भगवान श्रीराम ने यही प्रसाद ग्रहण किया था। आज भी उस लोक परंपरा का निर्वाह हो रहा है। यहां सरोवर के एक किनारे भी भगवान शिव का मंदिर है। जिसे भार्गेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है। यहां आने वाले श्रद्धालु वहां पूजा करते हैं। अब पंचकोशी का चौथा पड़ाव नुआंव गांव में लगेगा। जहां कभी उद्दालक मुनी का आश्रम था।

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