बक्सर खबर (माउथ मीडिया) । बतकुच्चन गुरू की बात निराली है। जब कुछ पूछना होता है तो कभी-कभी फोन करते हैं। अन्यथा हम ही उनको तलाशते फिरते हैं। आज सुबह उनका फोन आया। मैंने कहा राम राम गुरू कैसे हैं। वे पूछने लगे इ अंचल में हलचल मचावे वाली बात हौ गुरू। हमरा इ बताओ अजीब राव टाइप मनई जौन मिला घुमे फिरे अंचल संचल में। उ सब के पास कवनो जड़ी होतव है का ? उनकी गूढ़ बातें सुन मेरे मुह से अनायास ही निकला … मतलब। वे हंसने लगे।
मैंने टोकते हुए कहा, समझ नहीं पाया आपकी बात को। वे गंभीर हुए और पूछते हुए कहा हमके इस समझाओ गुरू , इस कौन दवा हौ। जेकरे इस्तेमाल से पढ़ल- लिख मनई के बुदि्ध बस में हो सके है। गलत के सही, और सहीं के झूठ लिखे बदे मजबूर कर सके हो। इ असंभव भी ना हौ। हम देख हैं एक मिला मायूस हो के बक रहा था। गजब हो गया, सब बिक गया, गलत के सही कर दिया। सारा कागज के झुठला दिया। न्यायालय का भी डर नहीं रहा।
इस सब न्याय के हत्या कर रहा है। भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहा हैं। जड़ी सुंध लिया है तो सही गलत से का मतबल है। ससुरा जब हम सुने तो समझो की चकरा गए। कौन मिला है जौन जड़ी सूंघा के गलत के सही अउर सही के गलत करा दे रहा है। गुरु पता लगाओं इस कौन अजीब मनई है, जौन अंचल में हलचल मचाया हैं। उपर से नीचे सबके मिलाया है। कौन ससुरा उहां आया है। इतना कहते हुए बतकुच्चन गुरू ने फोन रख दिया। और में तब से लेकर अब तक सोच रहा हूं। कौन सी जड़ी है और कौन है सुंघाने वाला। (नोट -माउथ मीडिया बक्सर खबर का साप्ताहिक व्यंग कालम है। जो शुक्रवार को प्रकाशित होता है। )