आदिवासी समाज के गौरव को किया नमन, शिक्षा और एकजुटता पर जोर बक्सर खबर। जिले के बरुना गांव में शुक्रवार को खरवार आदिवासी समाज द्वारा प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के वीर शहीद नीलांबर-पीतांबर का 167वीं शहादत दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें समाज के गणमान्य लोगों सहित ग्रामीणों ने भाग लिया। कार्यक्रम का शुभारंभ बरुना पंचायत के पंचायत समिति सदस्य कृष्णा कुमार, राजू खरवार एवं चन्दन खरवार द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इसके उपरांत वीर शहीद नीलांबर-पीतांबर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।
कार्यक्रम में राजू खरवार द्वारा बीडीसी कृष्णा कुमार का स्वागत अंगवस्त्र देकर किया गया। इस अवसर पर कृष्णा कुमार ने स्वतंत्रता आंदोलन में आदिवासी समाज के महत्वपूर्ण योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि आदिवासी योद्धाओं ने अपने गुरिल्ला युद्ध कौशल से अंग्रेजी हुकूमत के छक्के छुड़ा दिए थे। उन्होंने आदिवासी समाज को शिक्षित और संगठित होने की आवश्यकता पर बल दिया।
शिक्षक चन्दन खरवार ने वीर शहीद नीलांबर और पीतांबर के संघर्षमय जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वे स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने 1857 की क्रांति में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया था। 28 मार्च 1859 को अंग्रेजों ने लेस्लीगंज में उन्हें बिना मुकदमा चलाए फांसी पर चढ़ा दिया था। नीलांबर-पीतांबर ने खरवार और चेरो जाति के जागीरदारों को संगठित कर ईस्ट इंडिया कंपनी के विरुद्ध लड़ाई लड़ी थी। श्रद्धांजलि सभा में मिथिलेश खरवार, हरिकेश खरवार, जीतेन्द्र खरवार, विकास खरवार, अंशु खरवार, रविशंकर खरवार, विश्वामित्र खरवार, रामेश्वर खरवार सहित अन्य समाज के लोग उपस्थित रहे।