बक्सर खबर। ठंड शुरू हुई तो अंखुआ संस्था ने गरीब बस्तियों में कपड़ा बांटना शुरू किया। इस बीच कुछ सदस्यों ने सुझाव दिया। कहीं एक जगह शिविर लगाया जाए। इससे वैसे लोग भी हमशे जुड़ सकेंगे। जो जरुरत मंदों की मदद करना चाहते हो। अंबेडकर चौक पर शिविर लगाया गया। फिर क्या था, आस-पास के लोग एकत्र होना शुरू हुए। पहले ही दिन लगभग एक हजार कपड़े लोगों ने पहुंचाए। और उतनी ही संख्या में उसे लेने वाले लोग पहुंचे। यह शिविर का पहला दिन था। 25 दिसम्बर, अर्थात बडा दिन। इससे उत्साहित अंखुआ के सदस्यों ने इसे एक सप्ताह तक चलाया।
1 जनवरी को यह शिविर संध्या वेला में संपन्न हुआ। संस्था के सदस्य आशुतोष दुबे की माने तों 25 तारीख को पहले 1000 जरूरतमन्दों को वस्त्र उपलब्ध कराया गया। इसके बाद 26 दिसम्बर को 200, 27 को 100, 28 दिसम्बर 100, 29 दिसम्बर को 80, 30 दिसम्बर को 50 और 31 दिसम्बर को 70 जरूरतमन्दों को वस्त्र प्रदान किया गया। इन सात दिनों में कई ऐसे भी जरूरतमंद आये, जिनकी पूर्ति तत्काल नहीं हो पाया, वैसे सभी जरूरतमन्दों को 01 जनवरी को बुलाया गया। अंतिम दिन आने वालों की संख्या 600 से ऊपर पहुंच गई।
कई लोगों को नए कम्बल भी उपलब्ध कराए गए। हर कार्य लोगों की मदद से ही सफल होता है। इस शिविर में भी तकरीबन 50 लोगों ने भरपूर मात्रा में कपड़ा उपलब्ध कराया। जिससे कुल मिलाकर 2200 से अधिक जरूरतमन्दों को वस्त्र उपलब्ध कराया गया। इस पुनीत कार्य में राजीव रंजन, शिवम पाठक, चंदन कात्यान, डॉ. कन्हैया मिश्रा, चंद्रभूषण ओझा, कपीन्द्र किशोर भारद्वाज, सत्येंद्र प्रकाश उपाध्याय, अखिलेश पांडेय, मुकेश मल्होत्रा, हृषिकेश त्रिपाठी, राजेश कुमार, अजय मिश्रा, नित्यानंद पाठक, उदय प्रताप, नीलेश जी, जगजीत भट्ट, राघव पांडे व अन्य की सहभागिता रही।