बाल मजदूरी कर रहे तीन बच्चे आजाद, दुकानदारों पर एफआईआर

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धावा दल का गठन कर जिले में हो रही छापेमारी, विमुक्त बच्चों को भेजा वृहद बाल सुधार गृह कैमूर                             बक्सर खबर। जिले के व्यवसायिक प्रतिष्ठान में 14 वर्ष से कम आयु के लड़कों को रख कर उनसे काम लेना कूछ दुकानदारों के आदत में शुमार हो गया है। वैसे दुकानदारों पर शिकंजा कसने के लिए जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल के निर्देश के आलोक में धावा दल का गठन कर जिले के धनसोई बाजार में बुधवार को और नया भोजपुर में गुरुवार को छापेमारी कर तीन बच्चों को आजाद कराया गया। धनसोई बाजार से दो बच्चों को विमुक्त और नया भोजपुर से एक बच्चे को आजाद कराया। 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को नियोजित करना बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के तहत संज्ञेय अपराध है।

तीनों बच्चों से काम लेने के अपराध में दोषी दुकानदारों के विरुद्ध संबंधित थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई। तीनों बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर वृहद बाल सुधार गृह कैमूर भेज दिया गया। बाल श्रमिकों को समाज की मुख्य धारा में लाने की भी कार्रवाई की जायेगी। नया भोजपुर में धावा दल के संचालन में सौम्या सिन्हा, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी केसठ सह डुमरांव, संदीप कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी बक्सर सदर, अमित कुमार श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी चक्की एवं अजीत कुमार समन्वयक व एनजीओ के सदस्य शामिल थे।

नया भोजपुर में छापेमारी कर विमुक्त बच्चे के साथ धावा दल के सदस्य।

वहीं धनसोई बाजार में धावा दल संचालन में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी चौसा सह राजपुर, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी बक्सर सदर, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी इटाढ़ी, समन्वयक एवं एनजीओ के सदस्य शामिल थे। विदित हो कि 14 वर्ष के कम आयु के बच्चों को नियोजित करना बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के तहत संज्ञेय अपराध है। जिलें में संचालित धावा दल के माध्यम से बाल श्रमिकों को नियोजित करने वाले प्रतिष्ठानों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है।

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