बक्सर खबर। बिहार सरकार की महिला सशक्तिकरण की पहल को आगे बढ़ाते हुए सोमवार को जिला मुख्यालय स्थित समाहरणालय परिसर में “पालना घर” का शुभारंभ किया गया। जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने इस विशेष सुविधा का उद्घाटन करते हुए महिलाओं के कार्य-जीवन संतुलन को मजबूत करने की दिशा में इसे एक महत्वपूर्ण कदम बताया। 0 से 6 साल तक के बच्चों की देखभाल और सुरक्षा के लिए तैयार किया गया यह केंद्र न केवल माताओं की जिम्मेदारियां कम करेगा, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने में भी मदद करेगा।
जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस ने बताया कि बिहार सरकार महिलाओं को 35% आरक्षण देने के बाद हर क्षेत्र में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है। बच्चे के जन्म के बाद कई बार कामकाजी महिलाओं को नौकरी छोड़नी पड़ती है। इसे रोकने के लिए पालना घर की शुरुआत की गई है। मातृत्व लाभ अधिनियम, 1961 के तहत, महिलाओं को मातृत्व अवकाश और अन्य सुविधाएं दी जाती हैं। 2017 में इस कानून में संशोधन के बाद 50 या उससे अधिक कर्मचारियों वाले संस्थानों को पालना घर अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना होता है। इस मौके पर वरीय कोषागार पदाधिकारी, डीआरडीए निदेशक, बाल संरक्षण अधिकारी, जिला मिशन समन्वयक समेत कई अधिकारी मौजूद थे।