राशन के लिए वर्षों से परेशान दिव्यांग एवं महादलित परिवार खा रहे दर-दर की ठोकरें

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झोपड़ी में रह रहे परिवारों को नहीं मिल रही सरकारी योजनाओं का लाभ                                             बक्सर खबर। दानी कुटिया के समीप सड़क किनारे अस्थाई झोपड़ियों में रहने वाले महादलित परिवार आज भी सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित हैं। इन परिवारों को अब तक सरकारी राशन नहीं मिला है, जिससे वे भुखमरी और कठिन जीवनशैली का सामना कर रहे हैं। महादलित समुदाय के दिव्यांग कन्हैया बंसफोर, नीनी बंसफोर, किशन, सुपन, भकत और पूजा देवी ने बताया कि वे वर्षों से सरकारी राशन के लिए परेशान हैं, लेकिन अब तक कोई भी सरकारी कर्मचारी उनकी सुध लेने नहीं आया। इन लोगों का कहना है कि पंचायत चुनावों में उनसे वोट तो लिया जाता है, लेकिन सरकारी सुविधाओं का लाभ देने में प्रशासन नाकाम साबित हुआ है।

सड़क किनारे बनी इन झोपड़ियों में ये परिवार किसी तरह गुजर-बसर कर रहे हैं। बारिश, ठंड और गर्मी में जीना मुश्किल हो जाता है, लेकिन इनके पास कोई दूसरा सहारा नहीं है। ये परिवार बांस से सूप, दौरा, पंखा और टोकरी बनाकर बेचते हैं, लेकिन इतनी कमाई नहीं होती कि वे भरपेट भोजन कर सकें।दिव्यांग कन्हैया बंसफोर ने बताया कि उनकी झोपड़ी में आग लगने से उनका दिव्यांग प्रमाण पत्र जल गया, जिससे उन्हें दिव्यांग उपकरण नहीं मिल पा रहा है। यदि उन्हें यह उपकरण मिल जाए, तो उनकी जिंदगी कुछ आसान हो सकती है। ग्रामीण स्वरोजगार उन्नयन एवं शोध संस्थान रेडरी के सचिव वीरेंद्र कश्यप ने इन परिवारों की परेशानी सुनने के बाद सरकारी सहायता दिलाने का प्रयास शुरू किया है। उन्होंने महादलित परिवारों से आवेदन लेकर प्रशासन तक पहुंचाने का कार्य किया है ताकि इन परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके।

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