बक्सर खबर। समाहरणालय नजारत से 1 करोड़ 15 लाख 75 हजार की अवैध निकासी करने वाले सहायक नाजिर पंकज को दस वर्ष की सजा सुनाई गयी है। आज मंगलवार को इसकी सुनवाई करते हुए निगरानी पटना की अदालत ने यह फैसला सुनाया। कारावास के साथ उनके विरुद्ध दो लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। यह जानकारी समाहरणालय के सूत्रों ने बक्सर खबर को दी। पाठकों को हम यहां बता दें यह घोटाला मई 2016 में सामने आया था। जब 18 लाख रुपये का एक चेक बैंक गया। उसकी तस्दीक के लिए बैंक कर्मचारी ने जिलाधिकारी के प्रधान नाजिर को फोन किया। उनको बड़ा आश्चर्य हुआ। ऐसा कोई चेक तो नहीं भेजा गया।
तत्काल बैंक पहुंचे तो सच सामने आया। क्योंकि वह चेक सहायक नाजिर पंकज सिंह के नाम से भुगतेय था। इधर पंकज फरार हो गया। तत्कालीन जिलाधिकारी रमण कुमार ने एसपी उपेन्द्र कुमार शर्मा से बात की। लगातार छापामारी शुरू हुई तो पंकज सिंह ने 10 मई को न्यायालय में समर्पण कर दिया। उसके बाद यह केश निगरानी को सौंप दिया गया। जांच में पता चला यह राशि मुख्यमंत्री पुल-पुलिया निर्माण की थी। जिसे जिलाधिकारी का फर्जी हस्ताक्षर बना निकाला गया था। निगरानी ने प्रधान नाजिर कन्हैया प्रसाद को इसका गवाह बनाया। सुनवायी पूरी होने के बाद आज इस मामले में फैसला आया है।
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