‌‌‌ बच्ची की मौत पर सदर अस्पताल में हंगामा, गलती छिपा रहा प्रबंधन

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‌‌-मां की दवा लगा दी बच्चे को, दो दिन पहले हुआ था जन्म
बक्सर खबर। सदर अस्पताल में दो दिन पहले जन्मी बच्ची ने उसी अस्पताल में दम तोड़ दिया। ऐसा हुआ ड्यूटी पर तैनात स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के कारण। यह आरोप लगाते हुए सोमवार की रात आठ बजे अस्पताल में परिजनों ने हंगामा किया। हालांकि वे सभी गैर जिले के रहने वाले थे। इसलिए वे रो-रो कर अपनी शिकायत सुना रहे थे। ऐसा करने वालों को बद्दुआ दे रहे थे। मामला लक्ष्मी कुमारी पति राम कुमार से जुड़ा है। उक्त प्रसूता 10 दिसंबर को सदर अस्पताल आई थी। जहां उसने बच्ची को जन्म दिया। जो पूरी तरह स्वस्थ थी।

उपचार के दौरान मां को एक इंजेक्शन लगाने की सलाह चिकित्सक ने परिजनों को दी। जो दवा लिखी गई, उसका मूल्य 1700 रुपये था। हालांकि वह दवा अस्पताल में रहती है। लेकिन, कर्मियों ने हवाला दिया हमारे पास स्टॉक नहीं है। जब परिजन दवा बाहर से खरीद कर लाए तो वह पूरी शीशी उस नवजात बच्ची को ड्यूटी पर तैनात कर्मियों ने लगा दी जो मां को दी जाने वाली थी। कुछ देर बाद बच्ची की हालत खराब होने लगी। मामला चिकित्सक तक पहुंचा तो उसे एवील का इंजेक्शन लगाया गया। लेकिन, उसकी हालत में सुधार नहीं होता देख बच्ची को अन्यत्र रेफर करने का पर्चा परिजनों को थमा दिया गया।

लक्ष्मी कुमारी बेबस थी, वह कहीं जाने की स्थिति में नहीं थी। क्योंकि उसके मायके वाले जो उत्तर प्रदेश के कोटवा नारायणपुर, जिला बलिया के निवासी थे। उनके साथ ही वह आई थी। आर्थिक रुप से कमजोर यह परिवार बेबस सा डॉक्टर से गुहार लगाता रहा। लेकिन, शाम होते-होते बच्ची ने दम तोड़ दिया। जिसको लेकर अस्पताल में रात दस बजे तक हंगामा होता रहा। कुछ मीडिया कर्मी सूचना पाकर वहां पहुंचे। लेकिन, कोई चिकित्सक इस पर बोलने को तैयार नहीं हुआ। इस घटना ने पूरे अस्पताल के सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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