बक्सर खबर। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शराबबंदी पर एक बार फिर से बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा मैंने पहले भी कहा है। अब भी कह रहा हूं। तय मात्रा में शराब पीना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। यह मेडिकल साइंस मानता है। उदाहरण देते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि हमारे वर्ग के भी लोग शुरू से ही शराब बनाने के काम में रहे हैं। लेकिन मैंने 78 वर्ष में कभी भी शराब को हाथ नहीं लगाया। मांझी ने कहा कि मैं शुरू से ही कुछ मुद्दों पर सरकार से अलग राय रखता हूं।
खासकर शराबबंदी को लेकर मेरे साथ विपक्ष को भी आगे आना चाहिए ताकि सरकार को लगे कि शराबबंदी से गरीब लोगों को काफी परेशानी हो रही है। गौरतलब है कि जीतन राम मांझी दो दिवसीय दौरे पर बक्सर पहुंचे। जहां उन्होंने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और कई मसलों पर बातचीत की। उन्होंने कुछ समस्याओं के बारे में अधिकारियों को बताया और उसके निदान की बात कही। उन्होंने विशेष कर अतिपिछड़ा वर्ग की समस्याओं को रखा। दरअसल बिहार में शराबबंदी एक बड़ा मसला है और इस पर सरकार किसी भी एंगल से झुकने को तैयार नहीं है।
लेकिन दलित नेता जीतन राम मांझी को आज भी लगता है कि थोड़ी थोड़ी शराब पीने में कोई बुराई नहीं है। उन्होंने कहा कि लोगों को इसे व्यसन के रूप में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि शराब वास्तव में बुरी है और जब यह आदत बन जाती है तो यह परेशानी का भी सबब बन जाती है। हालांकि जीतन राम मांझी के बयान से एक बार फिर साफ हो गया है कि मांझी पूरी तरह से शराबबंदी के पक्ष में नहीं है और वह इस मसले पर विपक्ष का भी साथ चाहते हैं ताकि सरकार एक बार फिर से इस गंभीर मसले पर विचार कर सके क्योंकि सबसे ज्यादा परेशानी शराब से उन गरीब तबके के लोगों को है जो थोड़ी सी पीने के बाद सलाखों के पीछे पहुंच जाते हैं और लंबी सजा काटने को मजबूर हो जाते हैं।