बक्सर खबर। पंचकोश मेला गुरुवार को संपन्न हो गया। पांच दिनों तक चलने वाले मेले में अंतिम दिन लोगों ने लिट्टी-चोखा बनाया और उसका प्रसाद ग्रहण किया। इसको लेकर एक कहावत भी यहां प्रचलीत है। माई बिसरी, बाबू बिसरी, पंचकोशवा के लिट्टी-चोखा नाहीं बिसरी। उसका प्रभाव पूरे जिले में देखने को मिला। हर जगह उपले जल रहे थे।
खासकर चरित्रवन में यह मेला लगता है। जहां की सड़के वाहनों से पटी रहीं। अनुमान लगाया जा रहा है कि लगभग 5 लाख से अधिक श्रद्धालु यहां पहुंचे। अपने जिले की आबादी लगभग 18 से 20 लाख है। और आज हर घर में यह प्रसाद बनता ही है। अगर एक व्यक्ति चार लिट्टी खाता है तो एक करोड़ तो पूरे हो ही जाते हैं। देखें इससे जुड़ी हमारी रिपोर्ट।