बक्सर खबर। विद्यालय को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है। लेकिन मंदिर में बंटने वाले प्रसाद के कारण बच्चों से ज्यादा उनके अभिभावक परेशान हैं। यह विषय हर विद्यालय में विवाद का कारण बन गया है। हालांकि यह आरोप प्रधानाध्यापक पर लगता है। लेकिन, जब प्रधानाध्यापक पर ग्रामीण दबाव बनाने में असफल हो जाते हैं तो उनके गुस्से का शिकार शिक्षक होते हैं। विद्यालय में समय से शिक्षक नहीं आ रहे हैं। समय से शिक्षक अगर आने लगे तो पढ़ाई ही ठिक से नहीं हो रही।
ऐसे आरोपों से परेशान हो जिले के एक विद्यालय के शिक्षकों ने गुरुवार को अपने हाथ खड़े कर दिए। उनका कहना है यहां शैक्षणिक माहौल ही नहीं रहेगा तो हम क्या किसी को पढ़ाएंगे। अक्सर गांव के कुछ लोग स्कूल में आ जाते हैं। सीधे कक्षा में प्रवेश करते हैं और शिक्षकों के साथ अभद्र व्यवहार करते हैं। यह शिकायत है इटाढ़ी प्रखंड के बिझौरा गांव की।
गुरुवार को विद्यालय में कार्यकरत सभी नौ शिक्षकों ने विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष के साथ बैठक की। संयुक्त आवेदन बनाया और प्रधानाध्यापक को सौंपा। इन शिक्षकों में सर्वाधिक संख्या महिला शिक्षकों की है। उनका कहना है विद्यालय में अक्सर होने वाले विवाद से वे सभी परेशान हैं। अगर माहौल नहीं बदला तो हम पढ़ाने में असमर्थ हैं।