वाह जी वाह : पत्रकारों के नाम पर चंदे की वसूली
बक्सर खबर (माउथ मीडिया)। पत्रकारों के नाम पर वसूली हो रही है ! जब मैने यह सुना तो माथा ठनक गया। कहां तो लंबे समय बाद बतकुच्चन गुरू का फोन देख मन गदगद हो गया था। फोन उठाते ही मैंने दुआ-सलाम किया और खैरियत पूछी। लेकिन, जवाब देना तो दूर सीधे उखड़ गए। उनके शब्द मेरे कान में अभी भी गुंज रहे हैं। अमा यार तुम पत्रकारों के नाम पर चंदा वसूल रहे हो का? अब यही काम रह गया है। जो मरहुम हो गए कलम घिसते-घिसते उनका श्रद्धांजलि दे रहे हो। खुबे नाम रोशन करोग इस बिरादरी का। पहले तो उनकी एक बात मेरे पल्ले पड़ी नहीं। मैंने उनको टोका।
क्या मतलब है आपका, ऐसा क्यूं कह रहे हैं। आप पत्रकारों पर व्यंग करते हैं अच्छी बात है, लेकिन, यह तो आरोप है। वे थोड़ी देर के लिए ठहरे, लेकिन फिर चालू हो गए। पत्रकार लोग शहर में घूम रहा है। संघ के नाम पर वसूली कर रहा है। तुम संघ में हो, की नहीं। मैंने कहा जरूर हैं, पर ऐसा हम या हमारे साथ वाले तो नहीं कर रहे हैं। मेरे इतना कहते ही वे और भड़क गए। तो क्या हम गलत बोल रहे हैं? मैंने कहा नहीं ऐसी बात नहीं है, आप तो कितनी खरी बातें करते हैं। लेकिन, हुआ क्या है, जो आप ऐसा कह रहे हैं। तब वे शांत हुए और बोले गुरु हमारा एक मनई से मुलाकात हुआ। उ कहने लगा पत्रकार लोग कार्यक्रम करने वाला है। चंदा मांगने आया था। अब क्या करें कोई दरवाजे पर आ जाए तो इज्जत रखनी पड़ती है। ससुर इ बात हमका बहुते बुरा लगी।
हम उ मिला से पूछे रहे, केतना चंदा मांग रहा था सब? उ मनई हंस के बोला अरे का कहें, 15-20 हजार मांग रहा था। पटना दिल्ली से पत्रकार आएंगे, ऐसा कह रहा था। कई गो सरकारी दफ्तर में भी मांगने गया था सब। यह सुन मैं हंस पड़ा। उन्हें रोकते हुए कहा, ऐसा पत्रकार संघ नहीं कर रहा है। कोई दूसरे होंगे जो ऐसा कर रहे हैं। मुझे रोकते हुए बतकुच्चन गुरू ने कहा, हमरी बात को हलके में न लो गुरु, इसका विरोध करो, पहले ही इज्जत खराब हुए जा रही है। अब का रसातल में ले जाओगे। इतना कह उन्होंने फोन काट दिया और मुझे उलझन में डाल गए।
(माउथ मीडिया, बक्सर खबर का साप्ताहिक व्यंग कालम है, जो प्रत्येक शुक्रवार को प्रकाशित होता है, अपने सुझाव आप हमें कमेंट के माध्यम से दे सकते हैं)