बक्सर खबर। एक पिता के लिए इससे बड़ी बदनसीबी और क्या हो सकती है कि उसके कंधे पर जवान बेटे का जनाजा उठे। लेकिन, ऊपरवाले की जो मर्जी। वक्त का तो हर शय गुलाम है। और वक्त के इसी क्रूर स्वरूप से आज शनिवार को रू-ब-रू होना पड़ा डुमरांव के मशहूर टेलर मास्टर मो मंजूर आलम को। जिस बेटे के घर लौटने का इंतजार कर रहे थे, उसकी आज लाश मिली। मंजूर ने अपने अठारह साल के बेटे मो मुश्ताक को टेलरिंग से संबंधित सामान लाने के लिए बीते गुरूवार की शाम पटना भेजा था। मुश्ताक डुमरांव स्टेशन से फरक्का एक्सप्रेस में सवार हुआ। तब घरवालों से उसकी बात भी हुई। लेकिन, ट्रेन कुछ दूर आगे बढ़ी कि मुश्ताक नीचे गिर गया। रात भर वह वहीं पड़ा रहा। शुक्रवार की सुबह स्थानीय लोगों की नजर पड़ी तब तक मुश्ताक की सांसें खत्म हो चुकी थीं।
लोगों ने जीआरपी को इसकी सूचना दी। जीआरपी लावारिस लाश समझ बक्सर ले आई। सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया। इस बीच मंजूर अपने बेटे के लौटने का इंतजार कर रहे थे। चूंकि वक्त ज्यादा बीत गया था, इसलिए उनकी बेचैनी बढ़ चुकी थी। इसी बीच आज पता लगा कि जीआरपी ने एक लाश बरामद की है। मंजूर बक्सर आए, तो देखा कि लाश उनके लख्त-ए-जिगर की ही है। सोचा जा सकता है कि यह मंजर देख मंजूर पर क्या गुजरी होगी? जिस बेटे की राह देख रहे थे, उसकी लाश आंखों के सामने थी। मंजूर बेजान पड़े जवान बेटे को देख बिलख उठे। या अल्लाह, ये कौन-सा दिन दिखाया। बता दें मंजूर डुमरांव नगर के ठाकुर लोहार की गली, वार्ड 12 के निवासी हैं। उनके साथ पडोसी भी इस घटना से बहुत आहत हैं।