बक्सर खबर। जिले में परिवहन विभाग पूरी तरह फेल है। हो भी क्यूं नहीं यह जिला प्रभार में जो चल रहा है। यहां डीटीओ की कुर्सी कई महीने से खाली है। सरकार ने काम चलाने के लिए सासाराम के डीटीओ को यहां लगा रखा है। वे सप्ताह में दो-तीन दिन यहां आते हैं। काम-धाम होता है। ऐसा नहीं कि उनके यहां काम की कमी है। परिवहन के लिहाज से बक्सर से वहां ज्यादा काम है। क्योंकि वहां एनएच टू गुजरता है। बालू और गिट्टी का उठाव भी उसी जिले में होता है। भारी से लेकर हल्के वाहनों की खरीद बिक्री भी वहां ज्यादा है। बावजूद इसके वहां के पदाधिकारी को बक्सर भेजा गया है।
इसकी क्या वजह है यह तो सरकार ही समझे। क्योंकि उसने ही उनकी प्रतिनियुक्ति की है। लेकिन जितनी तेजी से यहां बालू तस्करी का कारोबार चल रहा है। उसे देखकर जिले में तरह-तरह की चर्चा हो रही है। हो भी क्यों नहीं परिवहन मंत्री का जिला है। इस पर तो सबकी निगाह होनी स्वभाविक है। एक तो पहले से ही गाडिय़ों का रजिस्ट्रेशन व डीएल आदि बनने में भारी परेशानी होती थी। दूसरे पदाधिकारी के नहीं होने से परेशानी और बढ़ गई है।