बक्सर खबर। राजू यादव की हत्या को चार दिन गुजर चुके हैं। पुलिस का पूरा ध्यान उस घटना पर है। जांच चल रही है। दो लोग गिरफ्तार कर जेल भेज दिए गए हैं। क्योंकि राजू के छोटे भाई उदय ने बताया था कि मैंने ऐसा करने वालों को देखा है, उनको मैं पहचानता हूं। खुद को चश्मदीद बताते हुए उसने पांच लोगों को इस घटना में आरोपी बनाया। पीड़ित पक्ष की शिकायत को आधार मानते हुए पुलिस ने रामाकांत प्रधान और मुन्ना उपाध्याय को गिरफ्तार किया। मुकदमा संख्या 20/20 में परसागंड़ा के जीन लोगों को आरोपी बनाया गया है।
उन्होंने कुछ दिनों पहले राजू के छोटे भाई उदय के खिलाफ छेड़खानी की प्राथमिकी दर्ज करायी थी। नतीजा उनका नाम इस केस में पड़ गया है। यही शक पैदा होता है। अगर उस घटना से अदावत खाए लोगों ने हत्या की तो राजू को निशाना क्यूं बनाया। जबकि उनका विवाद उदय के साथ था। यह स्थिति सोचने पर मजबूर कर रही है। 30 जनवरी को हत्या हुई। 31 की सुबह विरोध स्वरुप गोलंबर जाम हुआ। सुरक्षा की मांग उठी। इन सबके बीच अभी तक उहापोह की स्थिति बनी हुई है। राजू को जानने वाले बताते हैं उसका स्वभाव ऐसा नहीं था। भाई के विवाद के कारण उसे कोई मार दे। जरुर को विशेष कारण है। उनकी पत्नी पुलिस में है। इस वजह से विभाग के लोग भी परेशान हैं। अंदर और बाहर दोनों तरफ से दबाव है। सच जल्द सामने आए। तभी तो लोगों का विश्वास पुलिस पर रहेगा। अन्यथा, सिर्फ प्राथमिकी को सही मान लेना गलत होगा। लेकिन, जिस तरह उदय ने बयान दिया है। वह बताता है कि उसने पूरी घटना स्वयं देखी है। अगर उसकी बातें सही हैं तो फिर दोषियों का नाम तो सामने है। और पुलिस का काम आसान भी। उठाओ, जेल भरो, और केस डायरी कोर्ट भेज दो।