बक्सर खबर। प्रदेश में 2 अक्टूबर से जल जीवन हरियाली अभियान प्रारंभ होने जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसका शुभारंभ गांधी जयंती के मौके पर करेंगे। इसके तहत पूरे प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्य होने वाला है। जैसे जल स्त्रोतों को पुनर्जीवित करना। इसका प्रमुख हिस्सा है। प्रशासन ने एक दिन पहले हुई बैठक में यह बताया था कि प्रत्येक पंचायत में दो कुएं फिलहाल संरक्षित होंगे। वैसे सरकारी भवन जो दो मंजिला हैं। वहां बारिश के पानी को जमा करने की व्यवस्था होगी। साथ ही वैसे तालाब जिनका अतिक्रमण हो रहा है अथवा उनका अस्तित्व समाप्त होने की स्थिति में है। उनको पुन: जीवन प्रदान किया जाएगा।
इस नई व्यवस्था में शहर का विश्राम सागर सरोवर प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। क्योंकि शहर के वैसे लोग जिनके पास जमीन कब्जा करने का साहस है। वे इसमें चारो तरफ से अपना पांव पसार चुके हैं। लेकिन इसकी तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया। चाहे प्रशासन हो अथवा जन सरोकार की बात करने वाले राजनीतिक अथवा सामाजिक संगठनों से जुड़े समाजसेवी। सबने चुप्पी साध रखी है। वजह आप समझ ही सकते हैं। लगे हाथ हम आपका परिचय इस सरोवर से करा देते हैं। ज्योति चौक के पास स्थित है। आप यह भी कह सकते हैं बसांव मठिया के सामने सड़क के दोनों तरफ यह तालाब है। मंदिर के पास के तालाब का कुछ हिस्सा तो बचा है। लेकिन, सड़क के पूर्वी भाग का तालाब अतिक्रमण की चपेट में है। हर वह बड़ा और छोटा आदमी। जिसका घर आस-पास है। धीरे-धीरे इस पर कब्जा जमाता जा रहा है। नगर परिषद की पिछली सरकार ने उनका काम और आसान कर दिया। सामने का हिस्सा उसने पाट दिया। सो कुछ दुकानें भी यहां खुल गई। अतिक्रमण बढ़ा और आस-पास वालों ने एक-एक कोठरी और बना ली। यह सरोवर आध्यात्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। बक्सर में जीन पांच सरोवर का वर्णन आधात्मिक पुस्तकों में मिलता है। उनमें से यह एक है। अब इसकी चर्चा होनी जरुरी है। क्योंकि जल संरक्षण को लेकर सरकारी फरमान जारी हुआ है। तो क्या प्रशासन इस सरोवर को खाली करा पाएगा। यह सवाल हमें वाजिब दिखता है। इस लिए हमने इसकी चर्चा की है।