बक्सर खबर : दलितों के साथ बिहार में अत्याचार हो रहा है। नंदन की घटना लोकतंत्र पर कलंक है। यहां आए मुख्यमंत्री ने दलितों पर अत्याचार करवाया। जो लोग अपना हक मांगने आए थे। उनके उपर पाठी चार्ज किया गया। उन्हें जेल भेजा जा रहा है। इस सरकार से किसी को विकास की उम्मीद करना ही बेकार है। क्योंकि इसे महागठबंधन के नाम पर वोट मिले थे। लेकिन ईमान बेचकर आज सरकार चल रही है। यह बातें जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने कहीं।
वे बोल रहे थे, मुख्यमंत्री विकास कार्यों की समीक्षा करते फिर रहे हैं। सच यह है पूरे बिहार में सात निश्चय योजना पूरी तरह फेल है। नंदन इसका गवाह है। यहां के मुहल्ले का विकास नहीं कर पाने वाली सरकार पूरे राज्य का क्या विकास करेगी। शराब बंदी का भी वही हाल है। शरद यादव बुधवार को डुमरांव के नंदन गांव पहुंचे थे। जहां 12 जनवरी को मुख्यमंत्री का आगमन हुआ था। विकास समीक्षा यात्रा के दौरान कुछ लोगों ने सीएम के काफिले पर पथराव किया था।
उसे याद करते हुए शरद ने कहा अन्याय के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व मंत्री रमई राम व संचालन राज्य सभा सांसद अली अनवर ने किया। कार्यक्रम में शंभु यादव, रतन लाल, संतोष यादव, शेषनाथ यादव राजद अध्यक्ष, भरत सिंह, सुनील कुमार, डा. मनोज यादव, श्रीकांत यादव, मेहदी हसन, सरफराज अहमद आदि शामिल हुए।
बक्सर खबर से निवेदन है कि शरद यादव ने आज तक कौन सा विकास कार्य किया है इसके लिए उनका साक्षात्कार करके बक्सर की जनता के समक्ष रखे यह काम भी पत्रकार के जद में ही आता है।
अंगूर नहीं मिले तो खटे हैं ,शरद यादव का बयान इस उक्ति को साबित करता है। इतने वर्षों तक जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे,कभी कोशिश किये थे कि एक टोला का विकास नहीं करने वाले असक्षम आदमी को बिहार का मुख्य मंत्री बना क्यों रखे हैं। दलितों को महादलित बनाने वाले लोग हैं ये।