बक्सर खबर : भारतीय रेडक्रास सोसाइटी मानव कल्याण के लिए कार्य करती है। इससे जुड़े लोग मानवता के लिए कोई भी कष्ट उठाने को तत्पर हैं। लंबे समय अंतराल के बाद यहां ऐसी कमेटी बनी है। जो पीडि़त मानवता की सेवा के लिए हर कार्य करने को तैयार है। मसलन आप चाहें तो इसके कर्मचारियों से अपना प्रचार-प्रसार भी करवा सकते हैं। इस कार्य के लिए यहां के अध्यक्ष अथवा सचिव से संपर्क कर सकते हैं। हमारी बात पर आपको भरोसा नहीं हो तो आप स्वयं देख लें। यह कर्मचारी रेडक्रास के वेतन भोगी हैं। जो छठ त्योहार के दौरान एक निजी अस्पताल का पोस्टर टांगते दिखे। वह भी शहर के माडल थाना के समीप। इन कर्मचारियों को इस कार्य में किसने लगाया। यह तो रेडक्रास के पदाधिकारी जाने। पर जिस अस्पताल का बैनर यह दोनों टांग रहे थे। वह रेडक्रास के कार्यकारी अध्यक्ष डा. आशुतोष सिंह का है। बैनर पर उस अस्पताल का नाम लिखा है।
अचानक मीडिया की नजर इन पर पड़ी। इन कर्मियों से सवाल पूछा गया। यह बैनर आप लोग क्यूं और किसके कहने पर टांग रहे हैं? दोनों चुप, क्योंकि वे संविदा पर बहाल कर्मी जो ठहरे। कुछ बोला तो नौकरी पर खतरा। क्योंकि कुर्सी पर बैठे लोग ईमानदार हैं। वे भ्रष्टाचार तो बर्दाश्त करेंगे नहीं। उनकी आंखों के सामने गलत होगा तो कार्रवाई तय है। लेकिन कार्रवाई किस पर। वैसे लोगों पर जो हुकुम का अनुपालन करने के लिए मजबूर हैं। बक्सर खबर ने सोचा यह सवाल रेडक्रास के सचिव से ही किया जाए। सचिव श्रवण तिवारी से पूछा गया। रेडक्रास के कर्मचारियों को बैनर टांगने के इस काम में किसने लगाया? पहले तो उन्होंने आश्चर्य प्रकट किया। फिर सीधा जवाब, मुझे नहीं पता। यहां सचिव का जवाब जो हो। पर सवाल अभी भी सामने खड़ा है। क्योंकि यह बैनर सोसाइटी के एक पदाधिकारी के अस्पताल का है। किसी गैर का नहीं। सवाल से बचा जा सकता है। लेकिन सच से मुंह से नहीं छिपाया जा सकता।