इबादत, मगफिरत और रहमत की रात में अकीदतमंदों ने मांगी दुआएं

0
96

मस्जिदों में रातभर इबादत, कब्रिस्तानों में मगफिरत की अरजी पेश                                                              बक्सर खबर। इस्लामी कैलेंडर के शाबान महीने की 15वीं रात को मनाई जाने वाली शब-ए-बराअत की फजीलत को लेकर पूरे जिले में मुस्लिम समुदाय ने गहरी अकीदत के साथ इबादत की। मस्जिदों और कब्रिस्तानों को खास तौर पर सजाया गया, जहां बड़ी तादाद में लोगों ने अल्लाह की इबादत करते हुए अपने गुनाहों की माफी मांगी और रहमत की दुआएं की।शहर की बड़ी मस्जिद, कचहरी मस्जिद, जुलफजल मस्जिद, छोटी मस्जिद, नूरी मस्जिद, शाही मस्जिद, रहमानिया मस्जिद समेत विभिन्न मस्जिदों में अकीदतमंद रातभर इबादत में मशगूल रहे। मस्जिदों को रंगीन झालरों और दूधिया रोशनी से जगमगा दिया गया था। इस दौरान नफ्ली नमाजें अदा की गईं और कुरान की तिलावत की गई। मस्जिद कमेटियों की ओर से इबादत करने वालों के लिए चाय और बिस्किट की व्यवस्था की गई थी।

शब-ए-बराअत: उर्दू , अरबी और फारसी के जानकार जिले के मशहूर शायर व उद्घोषक साबित रोहतास्वी ने बताया कि इस रात को आमतौर पर शब-ए-बारात कहा जाता है, लेकिन सही उच्चारण शब-ए-बराअत है। यह शब्द “बरा” बरी किया जाना और “अत” अता किया जाना से बना है, जिसका मतलब “जहन्नुम से छुटकारे की रात” होता है। उन्होंने बताया कि इस रात हर जायज दुआ कबूल होती है, इसलिए लोग कब्रिस्तानों में जाकर अपने पूर्वजों की मगफिरत की दुआ मांगते हैं। यह रात इबादत, तौबा और अल्लाह की रहमत की रात होती है।

शब ए बरात के अवसर पर कचहरी मस्जिद की सजावट

दुधपोखरी कब्रिस्तान में हुआ भव्य जलसा, नामी शायर और इस्लामिक वक्ता रहे मौजूद- शब ए बराअत के मौके पर शहर के कोइरपुरवा मुहल्ला स्थित दुधपोखरी कब्रिस्तान में गुरुवार की रात एक भव्य जलसा का आयोजन किया गया। इस जलसे में बंगाल के मशहूर शायर मंजर और समस्तीपुर के प्रख्यात इस्लामिक वक्ता मौलाना अहमद रजा ने शिरकत की। जलसे का मंच संचालन जिले के प्रसिद्ध उद्घोषक और शायर साबित रोहतास्वी ने किया। मौलाना अहमद रजा ने अपने बयान में शब-ए-बराअत और इस्लाम धर्म पर विस्तार से रोशनी डालते हुए कहा कि पीड़ित मानवता की सेवा करना, झूठ-फरेब और मक्कारी से बचना ही सच्चा धर्म है। जलसे में रियाज खान, डॉ दिलशाद आलम, डॉ खालिद, डॉ मुर्शिद, एडवोकेट हामिद, मो. अली जौहर समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। इस मुबारक रात के बाद अकीदतमंदों ने नेक अमल करने और अल्लाह की राह पर चलने का संकल्प लिया। जलसे के इंतजाम में यासीन मस्तान, मो. जुनैद, मो. वकार, रिंकू, आदिल, सादाब आलम, मो. शमीम, गोल्डन समेत शहर के सैकड़ों लोग शामिल रहे।

जुलफजल मस्जिद

शब-ए-बरात और शब-ए-क़दर की इबादत करने वालों को मौलाना इमरान शम्सी ने दी शुभकामनाएं- दर्जी मोहल्ला स्थित रहमानिया मस्जिद के इमाम मौलाना मोहम्मद इमरान शम्सी ने शब-ए-बरात के पवित्र अवसर पर रोजा रखने वालों और शब-ए-कदर की रात मस्जिदों व घरों में इबादत करने वाले तमाम मोमिनों को शुभकामनाएं व हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि शब-ए-बरात इबादत, तौबा और मगफिरत की रात है, जिसमें अल्लाह अपने बंदों की दुआएं कबूल करता है और उनके गुनाह माफ करता है। इस रात को ज्यादा से ज्यादा इबादत करने, अल्लाह से गुनाहों की माफी मांगने और नेक आमाल करने की हिदायत दी गई है। मौलाना शम्सी ने शब-ए-कदर की फजीलत पर भी रोशनी डालते हुए कहा कि यह रात हजार महीनों से बेहतर है। जो व्यक्ति इस रात को इबादत में बिताता है, उसके तमाम पिछले गुनाह माफ कर दिए जाते हैं। उन्होंने तमाम मुस्लिम भाइयों और बहनों से अपील की कि वे इस मुबारक रातों में दुआ करें, नेक आमाल करें और अपने समाज व देश की खुशहाली के लिए इबादत करें। इस अवसर पर उन्होंने समस्त मुस्लिम समाज को शब-ए-बरात और शब-ए-कदर की दिल से मुबारकबाद पेश की और सभी के लिए अमन, शांति व बरकत की दुआ की।

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here