वाह रे लिट्टी-चोखा, कहीं नहीं बची जगह

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बक्सर खबर : चरित्रवन में कभी भगवान राम ने लिट्टी-चोखा का प्रसाद ग्रहण किया था। इस लिए यहां की मिट्टी पवित्र है। पंचकोश मेले में आए श्रद्धालु इसी इलाके में विशेष कर लिट्टी बनाते और खाते हैं। इस वर्ष शहर में इतनी भीड़ हुई कि कहीं भी जगह नहीं बची। किला मैदान हो अथवा चरित्रवन की सड़के। हर जगह मेलार्थी जमे थे।

जिसको जगह नहीं मिली वह गंगा घाटों की तरफ बढ़ गया। मेले का नजारा देखने वाले बक्सर खबर के पाठक अभिषेक कुमार ने हमें एक तस्वीर भेजी। पंचकोश मेले के श्रद्धालु गंगा के तीर तक पहुंच गए थे। हर तरफ सुलगते उपले, उनका धुंआ। जो अनजान थे वे इसे प्रदूषण करार दे रहे थे। जो जानते हैं वे वाह रे अपना बक्सर। पानी गया मुंह में ऐसा बोल रहे थे।

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