साहित्यकार डॉ. ओमप्रकाश केशरी को डाब की श्रद्धांजलि

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संवेदनशील और बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे डॉ. पवननंदन, साहित्य और कला जगत में अपूरणीय क्षति।             बक्सर खबर। प्रतिष्ठित साहित्यकार, कलाकार, समाजसेवी और प्रख्यात कवि डॉ. ओमप्रकाश केशरी के निधन से जिले में शोक की लहर है। इस दुखद अवसर पर डिस्ट्रिक्ट आर्टिस्ट एसोसिएशन ऑफ बक्सर, डाब द्वारा गुरुवार को स्थानीय किला मैदान स्थित रामलीला मंच पर एक शोक सभा का आयोजन किया गया। सभा में डॉ. केशरी की पुण्य आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवार को संबल प्रदान करने हेतु दो मिनट का मौन रखा गया और ईश्वर से प्रार्थना की गई।

डाब के अध्यक्ष और वरिष्ठ रंगकर्मी अधिवक्ता सुरेश संगम ने संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ. पवननंदन जी एक संवेदनशील, प्रतिभाशाली और बहुआयामी व्यक्तित्व के स्वामी थे। उन्होंने अपने जीवन में कुशल शिक्षक, प्रतिष्ठित साहित्यकार, समाजसेवी, लेखक, ओजस्वी वक्ता, कवि, गजलगो और रंगकर्मी के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।उनके पैर में असाध्य बीमारी के बावजूद भी उन्होंने अपने चेहरे पर कभी शिकन नहीं आने दी। दर्द को मुस्कान में बदलकर लोगों का दिल जीतने वाले डॉ. पवननंदन के निधन से डाब के सभी कलाकार मर्माहत हैं। उनके निधन से साहित्य और कला जगत में अपूरणीय क्षति हुई है।                   रामेश्वर नाथ मंदिर सेवाश्रम न्यास समिति के सचिव रामस्वरूप अग्रवाल ने श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ. पवननंदन जी मंदिर समिति के संरक्षक और कुशल मार्गदर्शक थे। उन्होंने आरएसएस सहित कई सामाजिक और साहित्यिक संस्थाओं में महत्वपूर्ण दायित्व निभाए। पैर में चोट के बावजूद भी वे विभिन्न कार्यक्रमों में पैदल चलकर सबसे पहले उपस्थिति दर्ज कराते थे। हिंदी और भोजपुरी भाषा में 70 से अधिक पुस्तकों का संपादन कर उन्होंने साहित्यिक चेतना को जन-जन तक पहुंचाया। उनके निधन से साहित्यिक, सामाजिक और धार्मिक क्षेत्रों में अपूरणीय क्षति हुई है। शोक सभा में डाब के अध्यक्ष सुरेश संगम, संरक्षक रामस्वरूप अग्रवाल, महासचिव हरिशंकर गुप्ता, सचिव रवि वर्मा, अभिषेक जायसवाल, श्याम जी वर्मा, ललन जी, अनिकेत राज, बबुआ तिवारी सहित अन्य सदस्य और पदाधिकारी उपस्थित थे।

 

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