-रामचरित्र दास जी ने सुनाई शिव-पार्वती विवाह की कथा
बक्सर खबर। रामेश्वर मंदिर रामरेखा घाट में चल रहा यज्ञ सोमवार को संपन्न हो गया। दोपहर बारह बजे के लगभग इसकी पूर्णाहुति हुई। आचार्य राघवेन्द्र पंडित द्वारा यज्ञ पूर्ण कराया गया। इसके उपरांत भव्य आरती हुई। अपराह्न दो बजे से कहा का क्रम प्रारंभ हुआ। पूज्य रामचरित्र दास जी महाराज ने शिव विवाह की कथा विस्तार से बताई। राजा हिमालय अपनी पुत्री पार्वती का विवाह अन्यत्र करना चाहते थे। लेकिन, हजारो वर्ष तक तपस्या कर भगवान शिव को वरण करने का आशीर्वाद मांता ने लिया था। इस वजह से नारद आदि ऋषियों ने राजा हिमालय को समझाया और भगवान शिव से पार्वती का विवाह संपन्न कराया। भगवान भोले नाथ अपने स्वभाव के अनुरुप शादी में भी उसी तरह अवघड़ रुप बनाकर पहुंच गए। जैसा वे सदा रहते हैं।
जिसे देखकर राजा हिमालय की पत्नी बेहोश हो गई। लेकिन, जब भगवान ने सुंदरेश्वर रुप धारण किया तो उसे देखकर वह स्वस्थ्य हो गई। भगवान हमें हमेशा सीख देते हैं। जीवन में आडंबर की बहुत जरुरत नहीं। कथा के उपरांत रामेश्वर महादेव का भव्य श्रृंगार किया गया। जिसे देखकर लोग दंग रह गए। समापन पर महाप्रसाद का वितरण किया गया। सभी शिव भक्त आनंदित हो उठे। इस दौरान मुख्य रूप से बहु प्रतिष्ठित आचार्य जी दयाशंकर पंडित, हिमांशु रंजन चौबे, गोविंद चौबे, मंदिर के पुजारी विक्की बाबा, गोवर्धन बाबा, बड़े बाबा, मुन्ना बाबा, सीता जी, उर्मिला जी, शशिकला, गायत्री, मंजू, इंद्राणी आदि आदि श्रद्धालु भक्तों ने आयोजन में हिस्सेदारी की।