-रघु भूमि से तपो भूमि की तीन दिवसीय यात्रा संपन्न
बक्सर खबर। माता सरयू के स्वरूप को जीवंत करने के लिए धर्मानुरागियों का एक जत्था पिछले पांच वर्ष से अयोध्या से बक्सर की यात्रा कर रहा है। जिसका नाम रघु भूमि से तपोभूमि यात्रा रखा गया है। सोमवार को इसमें शामिल श्रद्धालु सिद्धाश्रम पहुंचे। शहर के गोलंबर पर उनका स्वागत विश्व हिन्दू परिषद के सदस्यों ने किया और वहां हनुमान मंदिर की आरती की गई। इसके उपरांत जत्थे में शामिल सैकड़ों लोगों ने शहर के वामन मंदिर, श्री लक्ष्मी-नारायण मंदिर और नौ लाखा मंदिर में दर्शन पूजन किया। इसके उपरांत बसांव मठ स्टेशन रोड में यात्रा को विश्राम दिया गया।
कार्यक्रम में शामिल सदस्यों ने बताया यह यात्रा पिछले पांच वर्ष से प्रारंभ हुई है। माता सरयू के प्रकटोत्सव दिवस अर्थात ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि से हम लोग यात्रा प्रारंभ करते हैं। तीन दिनों के यात्रा में भगवान राम जिस मार्ग से होकर तपोभूमि सिद्धाश्रम आए थे। उसका हम लोग अनुसरण करते हैं। जैसे पुरानी सरयू नदी भैरव धाम आजमगढ़, जमीलपुर, बलियागंज, मल्हारी, नियमगंज, सलोना ताल, बारहदुवरिया मंदिर मैसूर, रामघाट गायघाट सिंधागढ़ भुवनेश्वर, आमघाटनगर फेफना बलिया, सुजायतपुर भरौली होते हुए आज यात्रा यहां पहुंची।
यात्रा के बाद बसाव स्थान के महंत अच्युत प्रपन्नाचार्य जी ने यात्रा के संयोजक पवन जी को विदाई दी। इन सभी का स्वागत करने वाले विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष सिद्धनाथ मिश्र ने अयोध्या से पहुंचे श्रद्धालुओं को बक्सर का महत्व बताते हुए कहा कि जब महर्षि विश्वामित्र भगवान राम को लेकर अयोध्या से आए तो यहां बक्सर में ही उनको बाला अतिबला का ज्ञान मिला। इसके बाद महर्षि विश्वामित्र, अहिरौली, नादाव, भभुअर तथा नुआंव सभी पांच ऋषियों के दर्शन कराए तथा पांचो ऋषियों ने भगवान राम को गुप्त विद्या प्रदान की। इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश सह सत्संग प्रमुख कन्हैया पाठक, जिला मंत्री ईश्वर दयाली, संतोष ओझा आदि लोग उपस्थित थे।