युवा बदल सकते हैं शहर और जिले का चेहरा, लेकिन कब… !

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-स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत एमवी कॉलेज में कार्यशाला का आयोजन
बक्सर खबर। युवा देश का भविष्य बदल सकते हैं। यह प्रेरक वाक्य बार-बार सुनने को मिलता है। लेकिन, युवा हैं कि उन्हें बस कमियां ही दिखाई देती हैं। लेकिन, जब बात अच्छा करने की हो तो बगले झांकने लगते हैं। यह बातें किसी वक्ता ने नहीं कहीं। लेकिन, हमने खबर के प्रारंभ में इसे जोड़ दिया है। क्यूंकि शुक्रवार को स्वच्छता ही सेवा विषय पर शहर के एमवी कॉलेज में कार्यशाला का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम का उद्घाटन उप विकास आयुक्त डा महेन्द्र पाल व कॉलेज के प्राचार्य प्रो सुभाष पाठक व अन्य लोगों ने संयुक्त रूप से किया। जागरूकता के लिए आयोजित कार्यक्रम में डीडीसी ने जन भागीदारी की बात कही।

गंगा समिति के नोडल पदाधिकारी श्रीयांश तिवारी ने समाज बदलने के लिए युवाओं का साथ बहुत जरुरी है। प्राचार्य ने भी सबको प्रेरित किया और स्वच्छता हमारी जिम्मेवारी है। इसके लिए उन्होंने प्रेरणा दी। कार्यक्रम कॉलेज के मानस भवन में आयोजित था। जिसमें महाविद्यालय के अनेक छात्र-छात्राएं शामिल हुए। लेकिन, वहां से निकलने के बाद कितने ऐसे हैं जो स्वच्छता के लिए कार्य करेंगे। यह सवाल हम सबसे पूछ रहे हैं। और एक सलाह भी दे रहे हैं। कम से कम आप स्वयं किसी को गंदगी फैलाते देखें तो टोकने की आदत डालिए। कोशिश करें, उन आदतों को बदलने की।

स्वच्छता की कार्यशाला में भाग लेते छात्र

जिससे पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। इतना तो आप आसानी से कर सकते हैं। क्योंकि आज जो हैं वे कल नहीं रहेंगे। आप युवा हैं आपके पास समय है। यह देश, समाज आपको बेहतर बनाना है। कम से कम अपनी मातृभूमि के प्रति जवाबदेह बनने की आदत हो हम आप डाल ही सकते हैं। सीख समाप्त हुई। अब चर्चा कार्यक्रम की। जिसके समापन पर राष्ट्रीय सेवा योजना कॉलेज इकाई की प्रभारी छाया चौबे ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान प्रो रासबिहारी शर्मा, प्रो भरत चौबे, प्रो सैकत देव नाथ, सोनू द्विवेदी, डॉ प्रिय रंजन चौबे, डॉ अनुराग श्रीवास्तव, सौरभ तिवारी, डॉ सीमा कुमारी, डॉ श्वेता, सुंदरम कुमार, राहुल कुमार, अमित कुमार इत्यादि लोग मौजूद रहे।

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