बक्सर खबर : दोहा की राजधानी कतर में जिले के लगभग चालीस युवक फंसे हैं। मोटी कमाई का सपना लिए विदेश कमाने गए युवकों को अब अपना वतन याद आ रहा है। पिछले कई माह से उनका शोषण जारी है। जिसकी व्यथा उन लोगों ने ह्वाट्स एप व फेसबुक के द्वारा मीडिया को उपलब्ध कराई है। वे दुनिया के उस हिस्से में फंसे हैं। जहां पीने का पानी भी आसानी से मयस्सर नहीं है। परेशान युवाओं ने अपनी फरियाद भारतीय दूतावास के समक्ष भी रखी है। लेकिन फिलहाल उन्हें कोई मदद नहीं मिल पाई है। इसमें सर्वाधिक युवक डुमरांव अनुमंडल के हैं। नावानगर थाना के किरनी गांव निवासी युवक अरमान ने संदेश भेज इसकी आवाज उठाई। उसने कहा हमें 1400 रुपये प्रतिदिन का लालच देकर लाया गया था। अब यहां आठ सौ रुपये मिलते हैं। काम भी काम भी 12 से 15 घंटे। नतीजा यहां फंसे युवक बीमारी का शिकार हो रहे हैं। इस मुल्क में काम करने आए अपने जिले के चार लोगों की मौत पहले हो चुकी है।
इस वजह से यहां के युवक दहशत जदा है। अरमान के घर वालों से जब संपर्क किया गया। तो उसकी पत्नी से लेकर बहन तक बिलख उठी। सभी ने कहा हमे भाई जान की चिंता सता रही है। यही हाल केसठ प्रखंड के डिहरा गांव निवासी युवक राजीव कुमार व अशोक राम का है। यह युवा भी मोटी रकम खर्च कर कतर गए थे। उन्होंने अपने संदेश में कहा है। हम क्यूबीसी कंपनी के तहत यहां आए थे। यहां इतने बुरे हालात हैं। हमें पानी व भोजन भी मयस्सर नहीं हो रहा। सबकुछ अपने खर्च पर करना पड़ रहा है। हम भारत सरकार से अपील करते हैं। यहां से हम सभी को निकाल लिया जाए। हमारे साथ यहां के लोग बहुत ही बुरा बर्ताव कर रहे हैं। तय से कम वेतन मिलने पर हमारे साथ मारपीट की जा रही है। इन युवाओं ने बताया। हमें जहां रखा है। वहां यूपी और बिहार के लगभग सौ युवा हैं। सभी वतन वापसी की उम्मीद लगाए बैठे हैं।