बक्सर खबर : आज विश्व पर्यावरण दिवस है। जिसके सबसे बड़े रक्षक वृक्ष हैं। इसका ज्ञान हम सभी को हैं। लेकिन इसकी पहल महज कुछ लोग करते हैं। सोमवार को इस मौके पर व्यवहार न्यायालय में वृक्षा रोपण किया गया। जिला व सत्र न्यायाधीश प्रदीप कुमार मल्लिक, डीएम रमण कुमार व एसपी उपेन्द्र कुमार शर्मा ने संयुक्त रुप से वृक्ष लगाए। बहुत से अधिकारी व न्यायिक पदाधिकारी मौजूद थे। यहां एक बात का जिक्र करना जरुरी है। क्या यह सब महज दिखावा मात्र है। वृक्ष लगाए जाते हैं। उनकी परवरिश हो रही है या नहीं। इसकी चिंता किसी को नहीं।
उदाहरण के तौर पर हम बाइपास रोड का जिक्र कर सकते हैं। नहर पर जहां अधिकारियों का आवास बन रहा है। उसके ठिक विपरीत कूड़े का अंबार जमा किया जा रहा है। गड्ढ़ा भरने की योजना के तहत यह सबकुछ हो रहा है। कुछ लोगों ने इसमें आग लगा रखी है। सुलगती आग शहर को जहर का धुंआ तो दे रही है। पास में खड़े वर्षो पुराने पेड़ों की बली भी दी जा रही है। पर्यावरण संरक्षण के इस दौर में एक वृक्ष सौ पुत्र समान का नारा तो दिया जा रहा है। लेकिन, खबर लिखे जाने के बाद भी किसी अधिकारी ने संज्ञान नहीं लिया। एक हरा भरा पेड़ आज झुलस रहा है। नगर परिषद के लोग कूडे से कमाई करने के चक्कर में उसकी बली दे रहे हैं। लेकिन अभी भी वह पेड़ खड़ा हो बहरे समाज और कानून की दुहाई दे रहा है। यह प्रश्न भी पूछ रहा है। यह आग कब बुझेगी ?
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फिर क्या फायदा है इस तरह के पर्यावरण दिवस मनाने का। ऐसा नहीं यह सारा अपराध अधिकारियों का है। अच्छे दिन कब आएंगे। यह सवाल करने वाले जब तक बैठकर ताली बजाएंगे। अच्छे दिन कभी नहीं आएंगे। भला हो इन अधिकारियों का जो इस मौके पर कुछ लोगों काे जमा करते हैं। एक संदेश देते हैं, पर्यावरण की रक्षा करें। पिछले वर्ष भी व्यवहार न्यायालय में वृक्ष लगाए गए थे। तब भी जिला जज ने ही पहल की थी। पता नहीं वे पेड आज हैं भी नहीं।