बक्सर खबर : बिहार में युवाओं का शोषण किया जा रहा है। जो युवा सरकारी विभागों में काम कर रहें हैं। उनके साथ बधुआ मजदूर सा बर्ताव किया जा रहा है। न्यूनतम मानदेय पर काम करने के लिए मजबूर करने वाली सरकार दिखावा कर रही है। पिछले छह साल से आइटी का काम देख रहे युवाओं को उचित पारिश्रमिक नहीं दिया जा रहा। देश और दुनिया को दिखाने के लिए चंपारण सत्याग्रह मनाया जा रहा है। यह बातें बिहार आइटी सेवा संघ व आइटी मैनेजर एसोसिएशन के युवाओं ने कही।
पिछले दो दिनों से अपनी तीन सूत्री मांग के समर्थन में वे काली पट्टी लगाकर काम कर रहे हैं। बिटमा के संयोजक अजीत कुमार ने कहा 12 से 17 तक हम विरोध स्वरुप काली पट्टी लगाकर कार्य करेंगे। इसके उपरांत 24 को प्रखंड से लेकर जिला व पूरे प्रदेश के आइटी प्रबंधक एक साथ सामूहिक अवकाश पर जाएंगे। इस दौरान राजधानी में मिशन कार्यालय का घेराव किया जाएगा। अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हम हड़ताल पर भी जाएंगे। आइटी सेवा संघ के सूचना प्रभारी रोहित कुमार ने बताया हमारा विरोध चरण बद्ध तरीके से जारी रहेगा। सरकार आइटी सहायक को आइटी प्रबंधक, चालीस हजार रुपये वेतन एवं सेवा को स्थायी करे। अन्यथा हमारा आंदोलन पूरा देश देखेगा। क्योंकि जिस डाटा बेस के प्रचार माध्यम से बिहार और यूपी में सरकार बनी है। उसी का इस्तेमाल इस विरोध में होगा।