बक्सर खबरः गुरूवार को सुबह एनएच 84 पर जलयात्रा में हुई भगदड़ के लिए कौन जिम्मेदार है। यह सवाल सब के मन उठ रहा है। बाबा के जुलूस को किसने दिया अनुमति। क्या यह हाथी-घोड़े की यात्रा बाबा बरमेश्वर नाथ मंदिर के भीड़-भाड़ इलाके में जाती। महावत की मौत के क्या बाबा हैं जिम्मेवार। क्योंकि जिसने भी उस पागल हाथी का तांडव देखा उसने यही कहा बाबा पर हो एफआइआर। आस्था के नाम पर कर रहे थे खिलवाड़। लोगों कि माने तो बाबा के साथ हाथी, घोड़े, ऊॅट व डीजे का लम्बा काफिला चल रहा है। यात्रा में शामिल लोग वाहनों को रोक कर पैसे वसूलते थे।
बाबा का यह काफिला लगभग नौ सालों से चल रहा था। हर साल कुछ अलग ड्रामा कर रहे थे। नतीजा एक की गई जान। आफत में तो पुरा इलाका फंस गया था। मरने वालों की संख्या और भी बढ़ जाती भोले नाथ की कृपा रही की हाथी खेतों में रूक गई। वही बाबा के भक्तों बेशर्मी की हद पार कर दी। जब उनके साथ चलने वाले एक भक्त ने कहा कि हमलोगों ने हाथी को नहीं बुलाया था। वह अपने से चला आया था। फिर कौन है जिम्मेदार प्रशासन या पुलिस करे बाबा पर एफआइआर। क्योंकि बाबा की पुरानी हिस्ट्री है अच्छी नहीं है। इस संबंध में भोजपुर ओपी प्रभारी कुणालचंद्र ने कहा कि जैसा अधिकारियों का आदेश मिलेगा। वैसा किया गया।