बक्सर खबर : शारदीय नवरात्र शनिवार से प्रारंभ हो रहा है। यह कई मामलों में खास है। इस वर्ष नवरात्र दस दिन का होगा। ज्योतिष शास्त्र के जानकार पंडित नरोत्तम द्विवेदी ने बताया यह संयोग सोलह वर्ष बाद आया है। वर्ष 2000 में भी ऐसा ही संयोग बना था। उनके अनुसार माता का आगमन अश्व पर तथा प्रस्थान भी उसी पर हो रहा है। जिसकी वजह से यह प्रजा के लिए फलदायी है। लेकिन, वृश्चिक, मकर, वृख, सिंह राशि वाले देश के शासक अथवा राजा के लिए कष्टकारी है। पूजन की तिथि के बारे में उन्होंने बताया कि शनिवार को एकम है। कलश स्थापना का योग 11: 36 से दोपहर 12: 24 तक है। पूजा पंडालों में पट्ट खोलने का समय सात तारीख को 11: 48 से आठ तारीख की दोपहर 1 : 42 तक है। यह कार्य सप्तमी तिथि व मूल नक्षत्र में होना चाहिए। जो शुभ मुहुर्त इस बार लंबा है। महा निशा पूजा का योग आठ तारीख की रात 9: 38 से मध्य रात्रि 11: 51 तक है। नवमी का हवन 10 तारीख दिन सोमवार को होगा। दशमी की तिथि 11 को पूर्ण हो रही है।