बक्सर खबर : यह बिहार है, यहां बंदूक की नोक पर परीक्षा ली जाती है। परीक्षा केन्द्रों के बाहर पहुंचते ही छात्रों को बंदूक दिखती है। जब परिणाम आते हैं तो ऐसा लगता है किसी ने सरकंडे की कलम से परीक्षा फल जारी किया हो। डुमरांव के एनायमतुल्ला जो राज हाई स्कूल के छात्र हैं। उनका कहना है मैने उर्दू की परीक्षा दी ही नहीं। उस विषय में मुझे प्रमोटेड कर दिया गया है। यही स्थिति दीपक कुमार के साथ हुई है। अंग्रेजी व एवीएस में उनका परीक्षाफल बाधित है।
डीएसएस सिमरी की छात्रा ज्योति कुमारी कामर्स की छात्रा हैं। दो विषय उनके भी बाधित हैं। इन छात्रों ने कहा हमारे रिजल्ट अधूरे हैं। जिसकी वजह से हमारा परीक्षा परिणाम ही पूर्ण नहीं है। विद्यालय से संपर्क किया तो इन लोगों ने बिहार बोर्ड जाने की सलाह दी। यहां से आवेदन अग्रसारित करा पटना पहुंचे तो वहां कहा गया। यह कार्य विद्यालय प्रबंधन का है। वहां से रिपोर्ट बनाकर कंट्रोल को भेजा जाएगा। तब परीक्षा परिणाम दुरुस्त होंगे। इन तीनों छात्रों ने बताया हम पिछले 8 जून से विद्यालय और बोर्ड कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं। अगर विद्यालय ने हमारा साथ नहीं तो इन छात्रों के एक वर्ष बर्बाद हो जाएंगे।