बक्सर खबर (6जून): तारीख चार जून, शाम के समय जिले के आला अधिकारी सदर प्रखंड के उमरपुर गांव में मौजूद थे। इस पंचायत के नाट गांव में आग लग गयी। पासवान विरादरी के तीन लोगों का घर जल गया। संतोष पासवान, शिवजी पासवान, विक्रमा पासवान का सारा सामान जल गया। उन्हें पता चला की डीएम साहब बगल के गांव में हैं। वे सभी भागे पहुंचे, पर वहां मौजूद उनके कारखास लोगों ने डीएम रमण कुमार से उनकी मुलाकात नहीं होने दी। निराश हो वे सभी वापस लौट गए। घटना के दो दिन बक्सर खबर के पाठक विवेक सिंह मझरियां ने इसकी सूचना दी। मौके की तस्वीर भेजते हुए उन्होंने कहा कि आग बुझाने के लिए दमकल यहां तक आया था। पुलिस भी आयी थी, पर किसी को अभी तक मुआवजा नहीं मिला। सरकार की नियमावली कहती है, आग लगने के चौबीस घंटे के अंदर 6 हजार रुपये की सहायता मिल जानी चाहिए। इसके अलावा अगले तीन दिनों के भीतर भरण पोषण के लिए 3800 रुपये मिलने चाहिए। पर इन गरीबों की कोई सुनने वाला नहीं। जब गरीब को उसका हक नहीं मिले तो ऐसे में गांव-गांव चौपाल लगाने का क्या फायदा।