जाने अपने गांव को न बनाए दूरी : एबीवीपी की पहल

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बक्सर खबर : भारत गांवों में बसा है। जरुरत है इसे जानने की। शहर की चकाचौंध की तरफ भागते लोगों की वजह से आज भारत दो भागों में बंटता जा रहा है। इस भेद को मिटाने की पहल युवाओं को करनी होगी। गांव के युवाओं को बेहतर शिक्षा मिले। वहां भी उचित संसाधन हों। इस पर आम चर्चा होनी चाहिए। इन विषयों पर चर्चा के लिए शनिवार को एबीवीपी की महत्वपूर्ण बैठक बक्सर में हुई। जिसमें शामिल होने पहुंचे बिहार-झारखंड के संगठन मंत्री निखिल रंजन ने युवाओं में उत्साह का संचार किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा। 21 वीं सदी में अपना देश हर क्षेत्र में प्रगति कर रहा है। लेकिन गांव और शहर की दूरी कम नहीं हो पाई है। यह आने वाले वक्त की चुनौती है। गांव में संस्कृति जिंदा है। लेकिन संसाधन की कमी है। इसके लिए चलो गांव की ओर कार्यक्रम शुरु किया गया है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विश्व विद्यालय संयोजक अनुराग श्रीवास्तव ने कहा जो भारत गांव में रहता है। उसके सामाजिक अनुभूति को समझने के लिए यह पहल हुई है। छात्र सात दिनों तक विभिन्न गांवों में रहेंगे। अपना अनुभव साझा करेंगे। गांव को समझेंगे। कार्यक्रम का संचालन दीपक यादव जिला संयोजक ने किया। मौके पर नवीन तिवारी विभाग प्रमुख बक्सर व आरा, राकेश तिवारी विभाग प्रमुख रोहतास व भभुआ, विवेक सिंह, मोनू गिरी, शैलेश सिंह, पशुपति पाठक, संत मिश्रा, अभिषेक पाठक, सत्येन्द्र यादव, लालबाबु राम, वतन कुमार, उत्तम, मोहित, त्रिभुवन, राहुल, ज्योति, प्रशांत, प्रेम कुमार, शुभम, समीर, ओम प्रकाश, अंकित, राकेश, सोनू, संतोष आदि ने हिस्सा लिया।

संगठन के युवा

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