बक्सर खबर : सावन का महिना प्रारंभ हो गया है। आज श्रावण मास की प्रथम सोमवारी है। इस तिथि को शिव के दर्शन पूजन का विशेष महत्व होता है। आज हम आपको जिले के उस मंदिर के बारे में बता रहे हैं। जो चमत्कारी तो है ही, इसकी स्थापना स्वयं ब्रह्मा जी ने की थी। जिसकी वजह से इसका नाम ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर है। जिला मुख्यालय से 33 किलोमीटर दूर स्थित मंदिर की स्थापना के बाद इस स्थान का नाम भी ब्रह्मपुर पड़ गया। ऐसी लोक मान्यता है कि 1761-62 में मुगल शासन के दौरान उनका सेनापति कासिम अली खां यहां पहुंचा। उसने मंदिर को तोड़ने का प्रयास किया। पुजारियों ने आग्रह किया, ऐसा नहीं करें। उसने भगवान शिव को चुनौती दी। अगर तुम्हारे भगवान में शक्ति है तो वे कोई चमत्कार दिखाएं। अगली सुबह मंदिर के गर्भगृह का दरवाजा पूरब से पश्चिम की तरफ हो गया। आज भी इस मंदिर के गर्भगृह का दरवाजा पश्चिम की तरफ है। सामान्य तौर पर हिंदु मंदिरों में गर्भगृह का प्रवेश द्वार पूरब अथवा उत्तर दिशा की तरफ रहता है। शास्त्रीय मर्यादा के अनुसार जो भी मंदिर बनते हैं। उनमें किसी का दरवाजा पश्चिम की तरफ नहीं होता। जब अगली सुबह कासिम वहां अपनी फौज के साथ पहुंचा तो यह चमत्कार देख भाग खड़ा हुआ। यह मंदिर जिले ही नहीं पूरे देश में प्रसिद्ध है। इसका महता को देखते हुए सरकारी प्रयास से डांकबंगला भी बनाया गया था। जहां देश भर से आने वाले श्रद्धालू और प्रमुख लोग ठहरते भी थे। फिलहाल वह भी बदहाल है। यहां पहुंचने के लिए सड़क मार्ग के अलावा रेल का साधन भी है। सबसे नजदीकी स्टेशन रघुनाथपुर है। जिससे मंदिर की दूरी डेढ़ किलोमीटर के लगभग है।
रुद्रम् पशुपतिस्स्थाणुम् नीलकण्ठंमुमापतिम्,
नमामी शिरसादेवम् किंमेमृत्युकरिष्यति ?
नमःशिवायशम्भवाय हरये परमात्माने प्रणतः क्लेशनाशाय योगिनाम्-पतयेनमः |
ॐनमःशिवायैॐनमःशिवाय
रुद्रम् पशुपतिस्स्थाणुम् नीलकण्ठंमुमापतिम्,
नमामी शिरसादेवम् किंमेमृत्युंकरिष्यति ?
नमःशिवायशम्भवाय हरये परमात्माने प्रणतः क्लेशनाशाय योगिनाम्-पतयेनमः |
ॐनमःशिवायैॐनमःशिवाय
om namah shiway.
jayti jayti baba barmeshwar nathay namah.
Har har mahadev
Jay shiv
Jay shree brmeswr
Mai rahul yadav
Dulfa buxarwsiyo ko sawan ka 1st somwari
Ki bhut khub bdhae