बक्सर खबर : जिले के तीन अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सक, स्वास्थ्य प्रबंधक व चिकित्सा प्रभारियों का वेतन डीएम ने बंद कर दिया है। जिलाधिकारी रमण कुमार ने बताया कि अस्पतालों की व्यवस्था जांच के लिए 31 मई की रात जांच शुरु की गई। इसके तहत लैंड लाइन फोन पर सभी प्राथमिकी स्वास्थ्य केन्द्रों पर फोन किया गया। रात आठ बजे एवं 1 जून की सुबह 5 बजे इन अस्पतालों को फोन किया गया। सदर अस्पताल बक्सर, प्राथमिकी स्वास्थ्य केन्द्र सिमरी एवं चक्की में किसी ने फोन रिसिव नहीं किया। इनके विरुद्ध कार्रवाई करते हुए डीएम ने चिकित्सा प्रभारी समेत, रोस्टर के अनुरुप तैनात चिकित्सक एवं स्वास्थ प्रबंधकों को जिम्मेवार मानते हुए उनका वेतन बंद कर दिया है।
साथ ही सिविल सर्जन को निर्देश दिया है। एक सप्ताह के अंदर इन सभी से जवाब तलब कर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। डीएम रमण कुमार द्वारा जारी कार्रवाई पत्र में कहा गया है। पूर्व से ही जिला चिकित्सा पदाधिकारी को यह निर्देश दिया गया था। सभी प्रखंड मुख्यालयों पर लैंड लाइन फोन की सुविधा बहाल कराएं। समय-समय पर उपस्थिति की जांच करें। लेकिन, आदेश का अनुपालन उनके द्वारा नहीं किया गया। अंतत: जिलाधिकारी के गोपनीय कार्यालय द्वारा यह कार्य किया गया। जिसकी जद में अनुमंडलिय अस्पताल के उपाधीक्षक से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सक तक आए हैं। वहीं दूसरी तरफ यह चर्चा है कि जिलाधिकारी इन दिनों काफी तेवर में हैं। वे लगातार सभी विभागों के विरुद्ध् कार्रवाई कर रहे हैं। पहले दाखिल-खारिज पर सभी सीओ को हडकाया। दो दिन बाद ही मनरेगा की सौ योजनाओं की अचानक जांच। पुन: सभी अस्पतालों की जांच। इस तरह की तौर तरीके से पूरे प्रशासन में हडकंप मचा हुआ है।