बक्सर खबरः बिना शिक्षित समाज बनाये बेहतर जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती।ये बातें बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने आज स्थानीय डी ए वी स्कूल में सिविल सेवा में चयनित राहुल कुमार के आयोजित अभिनन्दन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कही।उन्होने कहा क़ि यह गर्व का विषय है क़ि राहुल डी ए वी के छात्र रहे है और सिविल सेवा में चुने गए है।श्री सिंह ने कहा क़ि शिक्षा के बगैर बेहतर समाज की कल्पना बेमानी है इसलिये समाज के हर तबके को शिक्षित होना होगा और इस दिशा में डी ए वी उल्लेखनीय सेवा कर रहा है। उन्होने विद्यालय प्रबंधन की ओर से राहुल को स्मृति चिन्हं शाल एवं पुस्तकें भेंटकर सफल लोक सेवक बनने का शुभकामना दी और कहा क़ि डी ए वी के छात्र राहुल से जरूर प्रेरणा लेकर देश और समाज की सेवा करेंगे।
इस अवसर पर डी ए वी स्कूल के प्राचार्य अनिल कुमार ने कहा क़ि राहुल डी ए वी स्कूल से पढ़कर सफलता हासिल की है| इसपर डी ए वी परिवार को गर्व है।उन्होने राहुल को सम्मानित करते हुए कहा क़ि उनसे डी ए वी बक्सर के छात्र अवश्य प्रेरणा लेंगे एवं भविष्य में नई उचाई को प्राप्त करेंगे।उन्होने कहा क़ि आज राहुल के द्वारा विशेष मार्गदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया| ताकि छोटे शहरों के छात्र यदि जज्बा रखे और उन्हें उचित मार्गदर्शन मिले तो आई आई टी और यू पी एस सी एवं अन्य सेवाओं में छात्र चयनित हो सकते है| इसलिये राहुल के मार्गदर्शन में स्कूल के छात्र अपनी भविष्य की तैयारियों हेतु छात्र तैयार हो सके और अपना भविष्य संवार सके।डी ए वी बक्सर के 12 वीं 10 वीं एवं अन्य कक्षाओं के छात्रों के बीच एक संवाद का कार्यक्रम चला जो एक घंटा तक चला,जिसमे कई जिज्ञासु छात्रों ने अपने तैयारियों के लेकर प्रश्न पूछे एवं राहुल ने उनका मार्गदर्शन किया।उन्होने छात्रों से हर विषय में अव्वल आने की तैयारी करने को कहा एवं बताया की कड़ी मेहनत सही दिशा और उद्दमी मानसिकता आज की तैयारी की पहली जरुरत है। उन्होने जीवन की हर विधा को महत्वपूर्ण बताया और कहा क़ि खेल में भी मेहनत कर अच्छा मुकाम हासिल किया जा सकता है।राहुल ने कहा क़ि किसी की सफलता में छोटे शहर बाधक नहीं है अपितु उचित मार्गदर्शन मिले।इस अवसर पर संस्कृत महाविद्यालय बंसाव के प्राचार्य छवि नाथ त्रिपाठी शिक्षक एस एम् हक़ राकेश कुमार सुश्री रीना राकेश कुमार अरिंजय कुमार प्रभु भूषण श्रीवास्तव सहित ज़िला प्रशासन के अधिकारी एवं अभिभावक गण आदि मौजूद थे।