बक्सर खबर : पुलिस थाने सिर्फ अदावत का केन्द्र नहीं। प्यार का मंदिर भी हैं। जिनके बीच आपसी दुश्मनी वर्षो से चली आ रही हो। उनको साथ मिलाने एवं जी भर के बात कराने का श्रेय पुलिस को जाता है। सोमवार को राजपुर थाना परिसर का नजारा देखने के बाद यही तस्वीर सामने आयी। राजपुर पंचायत के मुखिया अनिल सिंह उनके प्रतिद्वंदी सत्येन्द्र सिंह ऐसे पास-पास बैठे थे। जैसे अर्से बाद मिले हों। आप साथ बैठे थे तो बातचित भी स्वभाविक थी। अपने आप को कुशल राजनीतिज्ञ दिखाने के लिए कभी -कभी यह जरुरी हो जाता है कि विरोध का हाल-चाल लें। खिरी के पूर्व मुखिया कमलेश सिह, संतोष यादव, लाल शलाम का नारा देने वाले विजय विद्रोही, जिला पार्षद संतोष यादव। सभी एक साथ एक जगह घंटो रहे। इनका हाल-चाल लेने वाला कोई नहीं था। न ही कोई बात करने वाला। कैंपस में यही लोग बैठे थे। जिसके कारण एक दूसरे के साथ बातचीत कर अपना समय काट रहे थे। जो अपने आप को विआइपी साबित करना चाह रहे थे। उन्होंने नया चोला धारण किया हुआ था। इन सभी को 2 मई को होने वाले पंचायत चुनाव के कारण थाने में बुलाया गया था । शांति व्यवस्था कायम रहे। इसके तहत राजपुर में कुल 20 तथा धनसोई थाने में 11 लोगों को बैठाया गया था। इन गिने चुने लोगों की वजह से पूरे पंचायत का चुनाव शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न हो गया। राजपुर में जो लोग दिखे उनमें हरपुर के राजेन्द्र राय, पिंटू राय, डब्लू राय, अकबरपुर से शेखर यादव, विरेन्द्र सिंह, पासी चौहान, मंगराव से बबलू सिंह आदि शामिल हैं। धनसोई में हरेन्द्र सिंह, मनीष समेत ग्यारह लोग विश्राम करते देख गए।