बक्सर खबर: जिला परिषद अध्यक्ष के चुनाव की तिथि धीरे-धीरे नजदीक आ रही है। दो खेमें में चुनावी बाजी सजेगी, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है। पर लोभ-लालच के दौर में बात बनती नहीं दिख रही। वहीं दूसरी तरफ पूर्व जिला परिषद उपाध्याक्ष संतोष यादव ने अपनी भाभी पर दाव खेला है। क्योंकि जिप अध्यक्ष का पद महिला के लिए आरक्षित है। इस बार राजपुर मध्य से उनकी भाभी चुनाव जीती हैं। उनके लिए समर्थन जुटाने में लगे संतोष यादव के पास दस पार्षदों का समर्थन प्राप्त हो चुका है। इन सभी को लेकर वे सुक्षित ठिकाने की तरफ फरार हो गए हैं। संतोष के समर्थकों का दावा है कि उनके पास तेरह लोगों का समर्थन है। हालाकि हमें तो तस्वीर प्राप्त हुई है। उसे देखकर राजनीतिक गणनाकार स्वयं गिनती कर सकते हैं। इस बार अधिकांश जगह से महिला पार्षद जीत कर आयी हैं। जिसकी वजह से उनकी पूरी पहचान नहीं हो पा रही है। लेकिन जो तथ्य सामने आ रहे हैं। उनमें यह पता चला है कि इस टीम में आठ महिला और दो पुरूष पार्षद हैं। जिनमें चक्की के परमा यादव व सिमरी मध्य के केदार यादव शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि इस गोल में भी शांति नहीं है। लेनदेन को लेकर अनबन चल रही है। जो प्रलोभन सदस्यों को दिया गया था। वह रकम उन्हें पूर्ण रूप से नहीं मिली है। लेनदेन के बारे में कोई भी सदस्य खुलकर नहीं बोल रहा। क्योंकि यह भ्रष्टाचार से जुड़ा मामला है। बावजूद इसके यह तय है कि इसी की आड़ में समर्थन का खेल हो रहा है। राजनीति के इस खेल में सत्ता की चाभी किस तरह जाएगी। अभी यह कहना मुश्किल है। पूरी तस्वीर आने वाले एक दो दिनों में स्पष्ट होगी।