बक्सर खबर : पटना-बक्सर राष्ट्रीय राजमार्ग चौरासी में अब जल्द ही काम लगेगा। पिछले दस वर्षो से चले आ रहे भूमि अधिग्रहण मामले के निपटारे के लिए डीएम रमण कुमार ने पहल की। छुट्टी के दिन उन सभी अधिकारियों को एकत्र किया। जो भूमि अधिग्रहण निष्पादन समिति के सदस्य हैं। अपर समाहर्ता एनामुल हक, एसडीओ गौतम कुमार व भू अर्जन पदाधिकारी तौकीर अकरम को उन्होंने बुलाया। इन अधिकारियों को डीएम ने इतना पैदल चलाया कि सब के सब पसीने-पीसने हो गए। एन एच के निर्माण में भूमि अधिग्रहण का पेच लंबे समय से फंसा है। भू स्वामियों का कहना है कि सड़क किनारे की उनकी जमीन व्यवसायिक है। सरकार ने इसे कृषि योग्य भूमि का दर्जा दे चिह्नित कर दिया है। जिसकी वजह से हमें भारी नुकसान होगा। इसके लिए कई मर्तबा इन लोगों ने कृष्णाब्रह्म से लेकर बक्सर औद्योगिक क्षेत्र तक प्रदर्शन भी किया। सभी लोग इसकी सुनवायी दुबारा करने के पक्ष में हैं। रविवार की सुबह आठ बजे ही मौके पर पहुंच गए डीएम ने पूरे क्षेत्र का स्वयं जायजा लिया। इसकी वीडियो ग्राफी भी करायी। रास्ते में मिलने वाले किसानों से उनकी शिकायत भी सुनते जा रहे थे। निरीक्षण के बाद प्रशासन ने यह तय किया जो भूमि व्यवसायिक उपयोग की है। उसका हक किसानों को मिलना चाहिए। इस निर्णय के बाद एनएच को फोर लेन बनाए जाने का रास्ता साफ हो गया है। सबकुछ ठिक रहा तो जल्द ही इस एनएच में काम लगेगा। क्योंकि इसके निर्माण का टेंडर ले चुकी कंपनी ने इस क्षेत्र में पहले से डेरा डाल रखा है।
ये तो किसानों की चांदी हो गई न अविनाश जी!
जब लगान देना था तो कृषी योग्य भूमी कहा है,
जब अधिग्रहण होने को आया तो भूमी व्यवसायिक है?
ये तो ठीक नही है न?