बक्सर खबर : अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए लोग क्या-क्या नहीं करते हैं। जिले के एक युवक ने शुक्रवार को अपने विवाह काे यादगार बनाने के लिए पर्यावरण संरक्षण का विषय चुना। कोरानसराय निवासी मिंकु(कमलेश ) तिवारी ने आर्ट आफ लिविंग संस्था से जुड़कर बेहतरीन तरकीब निकाली। दिन के उजाले में शादी की योजना बनी। आठ घंटे का मास्टर प्लान बना। सुबह दस बजे तिलक की रश्म हुई। दोपहर में हल्दी की रश्म। तीन बजे द्वार पूजा, चार बजे वरमाला, पांच बजे तक शादी संपन्न। बक्सर के मिंकु और बड़का गांव की स्मिता कुछ ही घंटो में जीवन भर के बंधन में बंध गए। सबकुछ एक ही विवाह मंडप से हुआ। लड़का व लड़की पक्ष के लोग एक जगह एकत्र हुए। बहुत ही सुगम तरीके से भगवान भाष्कर की रौशनी में पूरा कार्यक्रम शहर के एक मैरेज हाल में संपन्न हो गया।
कैसे बची प्राकृतिक संपदा
बक्सर : अपनी शादी पर चर्चा करते हुए मिंकु तिवारी ने बताया कि सुबह आठ बजे सभी लोग शादी मंडप पहुंच गए। खाने-पीने का इंतजाम एक जगह हुआ। इस तरह दिन के उजाले में रौशनी का इंतजाम नहीं करना पड़ा। जिससे जहर उगलने वाले जेनरेटर नहीं चले। दो समारोह का खाना एक जगह बना। इससे अन्न, जल, मानव श्रम और पूंजी सबकी बचत हुई। आने जाने वालों को भी तिलक और बारात के अतिरिक्त खर्च से मुक्ति मिली। परिवारों पर अतिरिक्त खर्च का बोझ भी नहीं पड़ा। दिन के उजाले में किसी को आने-जाने में परेशानी भी नहीं हुई। समय की बचत हुई सो अलग। इस तरह प्राकृतिक संपदा का नुकसान नहीं हुआ, न ही जल की बर्बादी। वायू प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए तेज आवाज वाले संगीत से भी दूरी रखी गयी। तिवारी ने इसका श्रेय आर्ट आफ लिविंग के दीपक पांडेय और अपने बडे जिजा मृत्युंजय पांडेय को दिया। इस यादगार शादी के साक्षी बने सदर विधायक संजय-मुन्ना तिवारी। वर-वधू को उन्होंने सफल जीवन के लिए बधाई दी।