बक्सर खबर : केन्द्र सरकार द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम सबका साथ सबका विकास में सोमवार को अचानक हंगामा खड़ा हो गया। किला मैदान में आयोजित समारोह का शुभारंभ भी नहीं हुआ था। कांग्रेस का झंडा लिए कार्यकर्ता मुख्य मंच के सामने पहुंच गए। विरोधी नारे लगने लगे। मोदी मुर्दाबाद, अश्विनी चौबे बाहर जाओ। इतना होते देख वहां मौजूद आयोजक व प्रायोजक हतप्रभ रह गए। इतने में अचानक कुर्सियां चलने लगी। बीच-बचाव करने पहुंच पुलिस के वरीय अधिकारियों के साथ भी बदसलूकी हुई। यह देख पुलिस को अंतत: लाठी चार्ज करना पड़ा। फिर तो वहां भगदड़ मच गई। विरोध करने वाले नेता वहां से बचते-बचाते भागे। पुलिस के रुंगरुटों ने बड़ी ही सावधानी से लोगों को वहां से खदेड़ा। इतना ही ठोका जिससे विरोधी भाग जाए किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचे।
लेकिन भागने के क्रम में कुछ लोग औधे मुंह ऐसे गिरे की उनका चेहरा और पतलून दोनों गंदे हो गए। इस बीच भाजपा के लोगों ने मंच संभाला और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गुंडा करार दिया। दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग होने लगी। पांच मिनट पहले जहां मोदी मुर्दाबाद के नारे लगे थे। वहीं अब नजारा पलट चुका था। सोनिया गांधी मुर्दाबाद के नारे लगने लगे। मौके पहुंचे एसपी उपेन्द्र शर्मा ने कहा जो हुआ उसके विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाएगी।
सूत्रों ने बताया केन्द्र सरकार द्वारा तीन वर्षो में किए गए कार्य को उजागर करने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित था। जिसे चौसा थर्मल पावर प्रोजेक्ट द्वारा प्रायोजित किया था। इसी को लेकर एक दिन पहले से ही सदर विधायक के समर्थक नाराज थे। क्योंकि निमंत्रण पत्र में उनका नाम नहीं था। यह पूरा राजनीतिक बवंडर उसी का परिणाम था। यह सबकुछ पूर्वाहन 11 से दोपहर 12 बजे के बीच समाप्त हो गया। इसके उपरांत कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। यहां यह भी देखने को मिला। जिस सांसद का कांग्रेसी विरोध करने पहुंचे थे। वे कार्यक्रम में शामिल भी नहीं हुए। सूचना है उनके किसी परिजन की अचानक हालत खराब होने के कारण वे दिल्ली चले गए थे।