बक्सर खबर : रेडक्रास सोसाइटी मानवता के प्रति विश्व की सबसे सजग संस्था है। लेकिन कुछ लोग अपने स्वार्थ के गणित में यहां भी घालमेल कर रहे हैं। इसका सबसे ताजा उदाहरण है धनसोई थाना का छत्तुपुर गांव। मंगलवार को यहां डीएम रमण कुमार गांव वालों से मिलने गए थे। जहां बसफोर बिरादरी के कुछ परिवार आरोप लगा रहे हैं कि उनकी झोपड़ी गांव के कुछ लोगों ने मिलकर जला दी है।
प्रशासन की टीम ने उनसे बात की। साथ पहुंची रेडक्रास सोसाइटी की टीम ने वहां अग्नि पीडि़तों के बीच राहत सामग्री वितरित की। राहत कीट में सामान के साथ मैगी के पैकेट भी थे। अब यहां चौकाने वाले यह बात सामने आई है। जो मैगी के पैकेट लोगों को दिए गए। वह अप्रैल 17 में ही एक्सपायर हो चुके थे। अगस्त 16 में बने पैकेट पर लिखा है। यह उत्पाद पैकिंग तिथि से नौ माह तक इस्तेमाल के लायक है। अगस्त में तैयार पैकेट अप्रैल में ही अपनी गुणवत्ता खो चुके थे। ऐसा खाद्य पदार्थ आखिर क्यूं और किन कारणों से वितरित किया गया।
मीडिया को जो तस्वीर वहां से उपलब्ध कराई गई। उसमें स्पष्ट दिखा कि इसके वितरण में एसडीओ गौतम कुमार भी शामिल थे। इसकी खबर एक एक दैनिक समाचार पत्र ने भी बुधवार को प्रमुखता से प्रकाशित की है। इस संबंध में जब रेड क्रास के सचिव श्रवण तिवारी से बक्सर खबर ने बात की। उन्होंने माना यह उत्पाद अगस्त का बना हुआ है। लेकिन अगस्त के बाद यह 31 मई तक उपयोग के लायक है। वहां कितनी मैगी बांटी गई? उनका जवाब था लगभग दो कार्टून का वितरण चौदह परिवार के बीच हुआ।
अभी रेडक्रास के पास कितने पैकेट बचे होंगे। उनका कहना था लगभग बीस कार्टून का स्टाक शेष है। क्या रेडक्रास ने इसकी खरीद की थी? नहीं नेस्ले कंपनी ने यह पैकेट रेड क्रास को डोनेट किया था। बाढ़ प्रभावित इलाकों में वितरित करने के लिए। बहरहाल वितरित मैगी का नमूना खबर में तस्वीर के साथ संलग्न है। देखने वाले खुद जान सकते हैं। यह उत्पाद कैसा है।