बक्सर खबर : बक्सर के एक लाल रामजी सिंह यादव आज वृंदावन में जय कृष्ण दास जी बनकर यमुना और गाय की सेवा कर रहे है। ज़िले के राजपुर प्रखंड के कठतर गाँव के रहने वाले रामजी बचपन में गांव के पास बहने वाली कर्मनाशा नदी में अठखेलियां खेले फिर नौनिहाल गाज़ीपुर ज़िले के गंगा तट पर कुतुबपुर में गंगा में गोते लगाते रहे। आज नदियों से इतना लगाव रहा क़ि वृंदावन में जय कृष्ण दास बनकर यमुना की अविरलता की रक्षा के लिए बीड़ा उठाये हुए है। 90 के दशक में ज़िले में राजद से जुड़े रहते हुए गाँव बचाओ आंदोलन चलाते थे।उनका यह मानना था क़ि गाँव शहरों को दूध, दही, मक्खन, अनाज सब्ज़ी आदि भेजता हैं। शहर बदले में शराब, गुटखा, अपसंस्कृति आदि गॉंव को भेजता हैं जो नाइंसाफी हैं। ज़ीवन में सामाजिक आन्दोलनों में पले बढ़े रामजी वृंदावन की ओर रुख कर लिया और वहाँ स्वामी विज्ञानाचार्य के पावन सानिध्य में रहते हुए यमुना नदी की रक्षा का संकल्प ले लेते हुए बड़ा सामाजिक आंदोलन खड़ा कर दिया है।जय कृष्ण दास जी का मत है कि सरकारों ने यमुना नदी को मृत कर दिया है। जिन नदियों पर विश्व की कई सभ्यताएं पुष्पित पल्लवित हुई हैं वही आज विनाश का कारण भी बन गयी हैं। यमुना का पानी अब विष बन गया है।हमारी औद्योगिक और सुविधा भोगी संस्कृति ने नदियों पहाड़ों और पाताल यानि नभ तल और पाताल तीनों को प्रदूषित कर दिया हैं और हम स्वंय इसके भुक्तभोगी भी हो गए हैं। वृंदावन के जय कृष्ण दास यमुना को बचाने की मुहिम के बाद बुंदेलखंड में 9 लाख गायों को पालने की योजना पर काम कर रहे है।मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के नौगांव में 250 बीघे जमीन पर चारागाह बनाकर गायों को बचाने की मुहिम शुरू हो गई है। बुंदेलखंड की स्थिति इतनी भयावह हैं कि वहाँ गाय और किसान एक दूसरे के विरोधी हो गए है और गायें आवारा पशुओं की तरह रोड पर ही कट मर जा रही हैं। बक्सर के इस लाल ने वृंदावन से बुंदेलखंड तक कृष्ण बनकर यमुना और गाय की सेवा में अहर्निश लगे हुए है।( केके ओझा की कलम से)