मिलु की हत्या गैंगवार में तब्दील, सभी नामजद वर्षो से फरार

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बक्सर खबर : प्रदीप चौधरी उर्फ मिलु की हत्या अभी तक पंचायत चुनाव का परिणाम मानी जा रही थी। लेकिन, दर्ज प्राथमिकी ने पूरी घटना को पलट कर रख दिया है। मिलु के प्रतिद्वंदी फादर चौधरी का नाम इसमें नहीं दिया गया है। उनकी पत्नी सरिता देवी मुखिया का चुनाव लड रही हैं। मिलु के पुत्र रंजीत भी चुनाव लड रहे हैं। जिसके कारण घटना को पंचायत चुनाव से जोडकर देखा जा रहा था। अब जो नाम इस हत्या में दिए गए हैं। उनमें रामबिहारी चौधरी, लालबाबु चौधरी, हरेन्द्र चौधरी सभी पिता स्व: बंसी चौधरी, मंटू यादव पिता टेल्हा यादव शामिल हैं। पुलिस की माने तो यह चारों पहले ही अन्य मामले में नामजद हैं। वे एक दो नहीं दस से पन्द्रह वर्ष पूर्व से ही पुलिस रिकार्ड में फरार हैं। इनकी गिरफ्तारी अब पुलिस के लिए चुनौती बन गयी है। मिलु के घायल भाई वीरबहादुर चौधरी ने इन सभी को नामजद किया है। यह प्राथमिकी कोरानसराय थाने में दर्ज की गयी है। जबकि मृतक व हत्यारोपी सभी बगेन के बरुहां गांव के निवासी है। इसकी वजह से कोरानसराय और बगेन दोनों थाने की पुलिस विषम परिस्थिति से गुजर रही है। इस बीच मामले के अनुसंधान के लिए रविवार को पटना से फोरेंसिंक विभाग की टीम यहां पहुंची है। जो मठिला गांव में उस गाडी का मुआयना करने गयी। जिस पर गोलियां चलायी गयी थी।

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