बक्सर खबर: माजरा कुछ यूं है। पुलिस रिकार्ड में वर्षो से फरार एक वारंटी इस चुनाव में मुखिया बन गया। पुलिस को पता चला कि डकैती में वांछित वीर सिंह चैगाई प्रखड़ के नचाप से चुनाव जीता है। उस दिन से पुलिस उसके फिराक में थी। गिरफ्तारी के भय से मुखिया भागा-भागा फिर रहा था। नतीजा वह प्रमाण पत्र भी नही ले पाया। तब से पुलिस उसके पिछे थी और वह चकमा देने के फिराक में। सोमवार को चकमा देकर प्रखंड कार्यालय पहुंच ही गया। लेकिन पुलिस भी पीछे कहां रहने वाली थी। आगे-आगे मुखिया पीछे-पीछे पुलिस । वीर सिंह अभी बीडीओं से प्रमाण पत्र प्राप्त ही कर रहा था कि पुलिस ने उसे दबोच लिया। बेचारा किश्मत का मारा शपथ लेते-लेते रह गया। मुरार थानाध्यक्ष प्रभात रंजन ने बताया कि नचाप पंचायत के मुखिया व बीरपुर ग्राम निवासी वीर सिंह पर रोहतास जिले के सासाराम व्यवहार न्यायालय में साल 2007 से ड़कैती जैसे संगीन आरोप में वारंट जारी था। चुनाव बाद, मतगणना से पूर्व ही वारंट यहां पहुंचा। जिसके तहत इनकी गिरफ्तारी की गयी है। इनकी गिरफ्तारी और विधी व्यवस्था को ध्याने में रखते हुए कोरानसराय थानाध्यक्ष नंदन सिंह ने सहयोग किया। गिरफ्तारी के दौरान उनके समर्थकों ने पुलिस से बहस की। पर पुलिस भी इसके लिए पूर्व से ही तैयार थी। किसी की एक न चली और मुखिया को जेल जाना ही पड़ा। मुखिया के बड़े भाई रोहित सिंह ने बताया कि ऐसा नहीं है। सासाराम न्यायालय से जमानत मिली थी। चुनाव की व्यवस्तता में बेल टुटी हो गयी। जिसके कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई। हम कानून पसंद लोग हैं। हमने स्वयं पुलिस को सूचना दे रखी थी। प्रमाणपत्र लेने के बाद वीर सिंह ने समर्पण किया।