बक्सर खबर : मौनी अमावस्या का महत्व धार्मिक मान्यता के अनुसार बहुत ही पुण्य फल देने वाला है। वह भी तब अमावस्या सोमवार को पड़े। इसे सोमवारी अमावस्या भी कहा जाता है। महिलाएं स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ की 108 परिक्रमा करती है। कच्चा धागा लपेटा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इससे पति की आयु बढ़ती है और संकटों से उसकी रक्षा होती है। इस धार्मिक मान्यता के अनुरुप रविवार की रात से यहां पहुंची श्रद्धालु महिलाओं ने सुबह गंगा स्नान किया।
पहुंचे नेपाली श्रद्धालु
बक्सर : माघ मास की अमावस्या को मौनी अमवसा भी कहा जाता है। आज के दिन यहां स्नान के लिए पड़ोसी देश नेपाल, समस्तिपुर, रक्सौल, पश्चिम चंपारण और उत्तर प्रदेश के लोग भारी संख्या में आए थे।
लाखों ने किया स्नान पर भी रही चुप्पी
बक्सर: ऐसा कम ही देखने को मिलता है। जहां हजारो लोग जमा हों। वहां शांति बनी रहे। सोमवार की सुबह गंगा घाटों पर यही नजारा दिखा। मौनी अमावस्या होने के कारण सभी श्रद़धालु मौन थे।
प्रशासन ने दिखाई चुस्ती
बक्सर : जिला प्रशासन ने श्रद़धालुओं की भीड को देखते हुए विशेष सतर्कता बरती। जिलाधिकारी और एसपी की आपसी सहमती के बाद शहर से होकर गुजरने वाले भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी। दोपहर बाद जब भीड कम हुई तब वाहनों को छोडा गया। इससे पहले चौसा रोड पर ठोरा से पहले एवं गोलंबर से पहले एनएच 84 पर वाहनों को रोक कर रखा गया था।